लंदन:
पांच साल पहले ब्रिटेन आया एक भारतीय दंपती क्रायडन, लंदन में हाल में हुए दंगों का शिकार बने लोगों में शामिल है। दंगों के दौरान पिछले सोमवार की रात इस दंपती पर हमला किया गया और उनके खानपान की दुकान को लूट लिया गया। पिछले हफ्ते हुए दंगों में कई ब्रिटिश एशियाई लोगों पर हमले हुए जिनमें भारतीय आभूषण निर्माता और दुकानदार शामिल है। लेकिन केरल मूल के लिजी जार्ज (37) और बीनू मैथ्यू (40) की कहानी तो लगभग अज्ञात है। हमले के कारण बुरी तरह भयभीत यह दंपती केरल वापस लौटने की योजना बना रहा है। पेशे से नर्स लिजी जार्ज उस रोज क्रायडन विश्वविद्यालय अस्पताल में अपनी रात की पाली की नौकरी करने जा रही थी। इसी दौरान युवाओं के एक गिरोह ने उसे पकड़ लिया, उसकी वर्दी की तलाशी ली और उसे खींचकर सड़क तक ले आए तथा उसके पर्स से सारा सामान निकाल लिया। समाचारपत्र द टेलीग्राफ के अनुसार हमलावरों में एक महिला शामिल थी जिसने उसके पति बीनू को एक घूंसा जमाया। दंगाइयों ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ और लूटपाट की। इसके बाद मैथ्यू ने दुकान के दरवाजे बंद कर दिए और अपनी पत्नी को सुरक्षित कार में ले जाने का फैसला किया। मैथ्यू ने कहा, हम सब कुछ छोड़कर केरल वापस लौटने की सोच रहे हैं क्योंकि इंग्लैंड के बारे में हमने जैसी उम्मीद की थी, यह वो नहीं है। जार्ज ने उस खतरनाक स्थिति को याद करते हुए कहा कि उन लोगों में बिल्कुल भी शर्म नहीं थी। वे लोग कस्टर्ड पाउडर और चावल तक चुराकर ले गए। इन सब चीजों का जब उनके लिए कोई मूल्य नहीं था तो उसे उन्होंने क्यों नष्ट किया। हमने उन चीजों के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने मेरी वर्दी फाड़ दी और सड़क पर मुझे आधा निर्वस्त्र कर दिया। वे लोग जंगली जानवर की तरह व्यवहार कर रहे थे। एक महिला ने मेरे पति पर हमला किया और उन्हें रक्तरंजित अवस्था में छोड़ गए। वे चाहते थे कि वे अपने साथ वैन को ले जाएं ताकि चोरी किया गया सामान उस पर रखा जा सके। जार्ज ने कहा, उन्होंने चाभी देने से इंकार कर दिया लिहाजा उस महिला ने उनको घूंसा मारा और चिल्लाने लगी, जला दो, उसे जला दो।