त्रिपोली:
लीबिया के नेता मुअम्मार गद्दाफी के बेटे ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सुधार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया तो देश को एक रक्तरंजित गृह युद्ध का सामना करना होगा। समाचार एजेंसी एकेआई के अनुसार गद्दाफी के शासन के खिलाफ बढ़ रहे विरोध के बीच सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी ने टेलीविजन पर एक सम्बोधन में कहा कि उनके पिता सेना के समर्थन से सत्ता में बने हुए हैं और "अंतिम पुरुष, अंतिम महिला और अंतिम गोली के रहने तक लड़ेंगे।" खबर है कि सोमवार को विरोध प्रदर्शन की लपट क्षेत्रीय कस्बों एवं शहरों से होते हुए राजधानी त्रिपोली तक पहुंच गई और जिस समय सैफ गद्दाफी का लम्बा भाषण प्रसारित हो रहा था, उस समय गोलियों की आवाज गूंज रही थी। अमेरिका स्थित संगठन, ह्यूमन राईट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार, गद्दाफी की तानाशाही के खिलाफ 15 फरवरी से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 233 लोग मारे जा चुके हैं। ज्ञात हो कि ट्यूनीशिया व मिस्र में हुई सफल क्रांतियों से उत्साहित हजारों लीबियाई नागरिक गद्दाफी से गद्दी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। गद्दाफी पिछले 41 वर्ष से सत्ता पर काबिज हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शन बहरीन, यमन, अल्जीरिया एवं जोर्डन में भी हो रहे हैं। एचआरडब्ल्यू ने अन्य देशों की सरकारों से आग्रह किया है कि उन्हें लीबिया से कहना चाहिए कि वह प्रदर्शनकारियों की अवैध हत्याएं बंद करे। सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी ने कहा कि मरने वालों की संख्या 233 से कम है और इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता के 41 वर्षों के शासन के खिलाफ विद्रोह की निंदा की और इसे एक विदेशी साजिश बताया। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई भूल थी और उन्होंने एक नए लीबिया के निर्माण का नागरिकों से आग्रह किया। अरबी टीवी चैनल अल-अरबिया ने बेटे गद्दाफी के हवाले से कहा, "लीबिया एक चौराहे पर खड़ा है। यदि हम आज सुधारों पर राजी नहीं होते, तो हमें केवल 84 लोगों पर ही शोक नहीं पकट करना होगा, बल्कि हजारों लोगों की मौतों पर आंसू बहाना होगा, और लीबिया में खून की नदियां बहेंगी।" दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के अनुसार, सैकड़ों की संख्या में लीबियाई नागरिकों ने रविवार देर रात त्रिपोली में एक दक्षिण कोरियाई निर्माण स्थल पर हमला बोल दिया। हमला बोलने वालों में कुछ के पास चाकू और बंदूके थीं। इसके परिणामस्वरूप वहां टकराव शुरू हो गया और कम से कम चार विदेशी नागरिक घायल हो गए। अधिकारी ने कहा कि तीन दक्षिण कोरियाई श्रमिक घायल हुए हैं, उनमें से एक को चाकू घोंपा गया है। इसके अलावा एक या दो बांग्लादेशी श्रमिक घायल हुए हैं। खबर है कि लीबिया में सोमवार को भी सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं और सरकारी ईमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है। इसके पहले की खबरों में कहा गया था कि गद्दाफी लीबिया छोड़ कर भाग गए हैं, जिसके कारण भीड़ त्रिपोली की सड़कों पर उतर कर जश्न मना रही है। लेकिन बेटे गद्दाफी ने टीवी पर कहा कि उनके पिता लीबिया में ही हैं और जंग का नेतृत्व कर रहे हैं। सैफ अल-इस्लाम ने कहा, "ट्यूनिशिया व मिस्र जैसा नहीं है लीबिया।" उन्होंने चेतावनी दी कि विरोध प्रदर्शन देश को बांट सकता है और संकट की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके पहले कई दिनों से त्रिपोली में गद्दाफी समर्थक रैलियों का वर्चस्व था। अभी तक सरकार विरोधी प्रदर्शन का केंद्र देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बेनगाजी ही बना हुआ था। सरकारी समाचार एजेंसी जेएएनए के अनुसार पिछले कुछ दिनों के दौरान लीबिया में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार लोगों पर एक विदेशी नेटवर्क से सम्बंधित होने और देश को अस्थिर करने और लोगों की राष्ट्रीय एकता को तोड़ने का आरोप है। गिरफ्तार लोगों में ट्यूनीशिया, मिस्र, सूडान, तुर्की, फिलीस्तीन और सीरिया के नागरिक शामिल हैं। दूसरी ओर एक अमेरिकी अधिकारी ने सोमवार तड़के कहा कि अमेरिका लीबिया में प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई के जवाब में सभी उचित कार्रवाइयों पर विचार कर रहा है। खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को नियमित रूप से लीबिया में तेजी के साथ बदलते घटनाक्रम की जानकारी दी जा रही है। अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन वरिष्ठ लीबियाई अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगेगा, क्योंकि अमेरिका चाहता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई बंद हो।
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