नेपाल में पांच दलों के सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने यहां शुक्रवार को बैठक करके आम चुनाव के नतीजों की समीक्षा करने के साथ नई सरकार के गठन और सत्ता-साझेदारी के समझौते पर चर्चा की. नेपाल कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल (माओवादी सेंटर), अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', नेपाल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ. बाबूराम भट्टराई ने काठमांडू में मुलाकात की.
नेपाली कांग्रेस के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘बैठक के दौरान वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक हालात, सत्ता में साझेदारी और नई सरकार के गठन समेत अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.'' बैठक में नेपाल समाजवादी पार्टी के नेता महेंद्र आर. यादव भी मौजूद थे.
निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को आनुपातिक मतदान प्रणाली के तहत सभी राजनीतिक दलों को सीट आवंटित किए जाने के बाद नेपाली कांग्रेस (एनसी) 89 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.
सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सहयोगियों ने मिलकर 47 सीट हासिल की हैं, जिसमें सीपीएन-माओवादी सेंटर (32), सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट (10), लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (चार) और राष्ट्रीय जनमोर्चा (एक) शामिल हैं.
सीके राउत के नेतृत्व वाली जनमत पार्टी, जिसने फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट श्रेणी के तहत प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में केवल एक सीट हासिल की, को आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) श्रेणी के तहत पांच सीट मिलीं, जिसका अर्थ है कि पार्टी के सदन में कुल छह सदस्य होंगे.
विपक्षी सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं. इसी तरह, आरएसपी को 20 सीट, आरपीपी को 14 सीट और जेएसपी को 12 सीट मिली है. नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्य प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से चुने गए, जबकि शेष 110 सदस्य आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से चुने गए.
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