फ्रेंच आल्प्स में क्रैश हुए जर्मनविंग्स विमान के को-पायलट की प्लेन को पहले से ही क्रैश करने की मंशा थी। ब्लैक बॉक्स के वॉइस रिकॉर्डर से ऐसा ही ज़ाहिर हो रहा है।
फ्लाइट के दौरान क्या बताचीत हुई उसके कुछ अंश एक जर्मन अखबार में लीक हुए हैं, जिससे पता चलता है कि को-पायलट एंड्रियाज लुब्तिज़, पायलट को बार-बार कॉकपिट से बाहर जाने के लिए उकसा रहा था। अब इस मामले में वकील ने बताया है कि को-पायलट में सुसाइड करने की प्रवृत्ति थी।
आपको बताते हैं कि कॉकपिट में जर्मनविंग्स की उस फ्लाईट के आखरी 40 मिनट में क्या-क्या घटा :-
38 हज़ार फुट की ऊंचाई पर जर्मनविंग्स के पायलट ने अपने को-पायलट को जर्मनी के डूसलडॉर्फ में लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया समझाई और इस दौरान जिस तरह के जवाब को-पायलट ने दिए उन्हें अब इस हादसे के बाद गंभीर माना जा रहा है, लेकिन उस वक़्त विमान का को-पायलट एंड्रियाज लुबिट्ज़ जो प्लानिंग कर रहा था उस का किसी को अंदाज़ा भी न था।
दरअसल एक जर्मन अखबार में छपी खबरों के मुताबिक फ्लाइट के वॉइस रिकॉर्डर से पता चला है कि लुबिट्ज़ शुरुआत से ही कप्तान के कॉकपिट से बाहर जाने का इंतज़ार कर रहा था। रिकॉर्डिंग में सुना जा सकता है कि कप्तान ने लुबिट्ज़ को बताया कि वह बार्सेलोना में टॉयलेट नहीं जा सके। जिस पर बार बार लुबिट्ज़ उन्हें जाने को कहता है और विमान की कमान उसके हाथों में सौंपने को कहता है। आखिर कार लैंडिंग की ब्रीफ्रिंग के बाद एक बार फिर लुबिट्ज़ कप्तान को टॉयलेट जाने को कहता है और पायलट उसकी बात मान लेते हैं।
दरवाज़े के बंद होने की आवाज़ आती है और फिर ये दरवाज़ा दोबारा कभी नहीं खुलता। उनके बाहर कदम रखते ही विमान तेज़ी से नीचे उतरने लगता है और कॉकपिट में एक ऑटोमेटेड अलार्म बजने लगता है... उसके बाद दरवाज़े पर ज़ोर-ज़ोर से दस्तक की आवाज़ सुनाई देती है और पायलट, लुबिट्ज़ को कहते हैं, भगवान के लिए दरवाज़ा खोल दो। कुछ मिनटों बाद ज़ोर-ज़ोर की आवाज़े आती हैं... माना जा रहा है कि पालयट ने इमरजेंसी वाली कुल्हाड़ी से कॉकपिट का दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश की होगी।
इसके बाद एक और अलार्म बजने लगता है जो प्लेन को ऊपर लेने की हिदायत देता है और पायलट आखरी बार चिल्ला कर दरवाज़ा खोलने का आदेश देते हैं। इसके बाद आखरी आवाज़ लोगों के चिल्लाने की है।
ये बातें लीक होने के बाद कई जानकारियां सामने आ रही हैं कहा जा रहा है कि 27 साल के लुबिट्ज़ की आंख में गड़बड़ी की वजह से उसकी नौकरी ख़तरे में थी। वह मानसिक तौर पर बीमार था, 2009 में तो ट्रेनिंग के दौरान लुबिट्ज़ ने मानसिक बीमारी के चलते छुट्टी भी ली थी।
तफ़्तीश के दौरान उसके मकान में डॉक्टर का लिखा एक फटा हुआ नोट मिला है, जिसमें उसे उस दिन ड्यूटी पर न जाने की हिदायत थी। लुबिट्ज़ की पुरानी गर्लफ्रेंड के मुताबिक उसने कुछ ऐसा करने का इरादा जताया था, जिससे दुनिया उसका नाम याद रखे। इन सभी बातों की वजह से लुबिट्ज़ की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
फ्रांस का कहना है कि प्लेन से संपर्क टूटने के बाद उन्होंने प्लेन की खोज में अपने जेट विमान भी भेजे। फिलहाल फ्लाइट में
सवार करीब 78 यात्रियों का डीएनए मिल गया है।
इस हादसे के बाद दुनिया भर में फ्लाइट सेफ्टी को लेकर बदलाव हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने नया नियम जारी किया है, जिसके मुताबिक एक वक़्त पर कम से कम दो क्रू सदस्यों का कॉकपिट में होना ज़रूरी है।
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