फाइल फोटो
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने सेना को शुक्रवार शाम पांच बजे से 'युद्ध जैसी स्थिति' के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने की मांग भी की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, किम ने सेना को तैयार रहने का आदेश कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग की एक आपात बैठक में दिया। सीमा पर हो रही गोलेबारी के कारण बढ़े तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने शुक्रवार ‘‘सीमावर्ती इलाकों में युद्ध की अर्धस्थिति’’ की घोषणा की और कहा कि वह सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के स्थायी प्रतिनिधि जा सोंग नाम ने गत बुधवार को परिषद को एक पत्र लिखकर सैन्य अभ्यास पर चर्चा का अनुरोध किया। यह अनुरोध उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हुई गोलीबारी से एक दिन पहले किया गया।
उत्तर कोरिया ने परिषद से लगातार अनुरोध किया है कि वह वार्षिक उलची फ्रीडम सैन्य अभ्यास पर चर्चा करे। यह अभ्यास इस वर्ष सोमवार से शुरू हुआ है और 28 अगस्त तक चलेगा। अभ्यास कम्प्यूटरों पर तैयार युद्ध की स्थितियों पर आधारित है, लेकिन इसमें 50,000 दक्षिण कोरियाई और 30,000 अमेरिकी जवान भी हिस्सा ले रहे हैं।
राजदूत ने लिखा, ‘‘यदि सुरक्षा परिषद अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चर्चा के डीपीआरके के अनुरोध को इस बार भी नजरअंदाज कर देती है तो इससे यह साबित होगा कि परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने प्राथमिक मिशन को छोड़कर एक विशेष शक्ति का राजनीतिक हथियार बन गई है।’’
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, किम ने सेना को तैयार रहने का आदेश कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग की एक आपात बैठक में दिया। सीमा पर हो रही गोलेबारी के कारण बढ़े तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने शुक्रवार ‘‘सीमावर्ती इलाकों में युद्ध की अर्धस्थिति’’ की घोषणा की और कहा कि वह सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के स्थायी प्रतिनिधि जा सोंग नाम ने गत बुधवार को परिषद को एक पत्र लिखकर सैन्य अभ्यास पर चर्चा का अनुरोध किया। यह अनुरोध उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हुई गोलीबारी से एक दिन पहले किया गया।
उत्तर कोरिया ने परिषद से लगातार अनुरोध किया है कि वह वार्षिक उलची फ्रीडम सैन्य अभ्यास पर चर्चा करे। यह अभ्यास इस वर्ष सोमवार से शुरू हुआ है और 28 अगस्त तक चलेगा। अभ्यास कम्प्यूटरों पर तैयार युद्ध की स्थितियों पर आधारित है, लेकिन इसमें 50,000 दक्षिण कोरियाई और 30,000 अमेरिकी जवान भी हिस्सा ले रहे हैं।
राजदूत ने लिखा, ‘‘यदि सुरक्षा परिषद अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चर्चा के डीपीआरके के अनुरोध को इस बार भी नजरअंदाज कर देती है तो इससे यह साबित होगा कि परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने प्राथमिक मिशन को छोड़कर एक विशेष शक्ति का राजनीतिक हथियार बन गई है।’’
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