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This Article is From Feb 07, 2024

पाकिस्तान चुनाव में ये हैं अहम दावेदार. जानें, भारत को लेकर क्या है इनका रुख

Pakistan National Elections: पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ एक राजनीतिक दिग्गज हैं, जिनकी चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है. हालांकि, अपनी संपत्ति और देश में अपने प्रभाव के बाद भी, शरीफ को कई बार जेल जाना पड़ा है.

पाकिस्तान चुनाव में ये हैं अहम दावेदार. जानें, भारत को लेकर क्या है इनका रुख
Pakistan Elections 2024: पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए वोटिंग है.
नई दिल्ली:

पाकिस्तान में आम चुनाव (Pakistan Election) को लेकर 8 फरवरी को वोटिंग होने वाली है. माना जा रहा है कि आम चुनाव में नवाज शरीफ चौथी बार सरकार बना सकते हैं. वहीं इमरान खान चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार समेत कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद से जेल में हैं. ऐसे में पाकिस्तान के प्रमुख उम्मीदवार और भारत पर उनका क्या रुख है के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं. 

पंजाब के शेर - नवाज शरीफ

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ एक राजनीतिक दिग्गज हैं, जिनकी चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है. हालांकि, अपनी संपत्ति और देश में अपने प्रभाव के बाद भी, शरीफ को कई बार जेल जाना पड़ा है. 

अर्थव्यवस्था और फ्री मार्केट पर अच्छी पकड़ रखने वाले नवाज शरीफ भारत के साथ रिश्तों को सुधारना चाहते हैं. अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो में उन्होंने ''भारत के साथ शांति के संदेश'' का वादा किया है लेकिन इसके साथ उन्होंने एक शर्त भी रखी है. अपनी शर्त में उन्होंने कहा है कि यदि नई दिल्ली, कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद - 370 को वापस लागू कर देगी (जो पाकिस्तान की चुनावी राजनीति के लिए अहम मुद्दा है) तो वो भारत के साथ शांति संदेश स्थापित करेंगे. शरीफ ने दोनों देशों के बीच नए राजनयिक संबंधों की वकालत करते हुए भारत की प्रगति और वैश्विक उपलब्धियों को स्वीकार किया है.

राजनीतिक उत्तराधिकारी - बिलावल भुट्टो-जरदारी

35 वर्षीय बिलावल भुट्टो-जरदारी पाकिस्तान पीपल पार्टी (पीपीपी) के लीडर हैं. बिलावल भुट्टो, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. 2007 में बेनजीर की हत्या हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि गठबंधन की सरकार बनती है तो बिलावल की पार्टी पीपीपी किंगमेकर बन सकती है. भारत पर बिलावल भुट्टो-जरदारी का रुख बहुआयामी रहा है. 

क्रिकेटर से नेता बने - इमरान खान

2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था और उन पर चुनाव लड़ने से रोक लगा दी गई थी. हालांकि, इसके बाद भी वह अपनी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के माध्यम से ताकत बने हुए हैं. सेना के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बाद भी खान की पार्टी चुनावों में अहम प्रभाव डाल सकती है. 

2019 में इमरान खान ने पीएम मोदी को शांति को एक मौका देने का आग्रह किया था और पुलवामा हमेले के संबंध में खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करने की तत्परता व्यक्त की थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. 

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