मौलाना मसूद अजहर का मददगार चीन
संयुक्त राष्ट्र:
चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में डालने के अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन समर्थित प्रस्ताव पर तकनीकी रोक को एक बार फिर तीन माह के लिए बढ़ा दिया है. चीन ने इस साल फरवरी में अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकी सूची में डालने के अमेरिकी कदम को अवरुद्ध कर दिया था. इस तकनीकी रोक पर चीन के कदम उठाने की समयसीमा 2 अगस्त थी. यदि चीन ने इस तकनीकी रोक को बढ़ाया नहीं होता तो अजहर को स्वत: ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की सूची में डाल दिया गया होता. इससे पहले चीन ने कहा था कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी घोषित कराने के लिए अमेरिका नीत प्रस्ताव पर उसके द्वारा लगाई गई रोक के बारे में ‘वह समय आने पर फैसला' करेगा. इस महीने के आखिर में इसकी समीक्षा होने की उम्मीद है. अमेरिका ने अजहर पर प्रतिबंध के लिए ब्रिटेन और फ्रांस के साथ संयुक्त राष्ट्र का रुख किया था, हालांकि इसे चीन ने रोक दिया और उसके बाद एक बार फिर छह महीने के लिए तकनीकी रूप से रोक दिया. अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की भारत की कोशिशों के बाद अमेरिका यह प्रस्ताव लाया था.
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चीन समय आने पर करेगा फैसला
मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित अन्य की प्रस्तावित अर्जी के लंबित रहने के बारे में कहा कि‘‘चीन समय आने पर इस बारे में फैसला करेगा.’’ मंत्रालय ने पहले भी एक लिखित जवाब में कहा था, ‘‘हमने कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति को चीन के रुख से अवगत कराया है.’’
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चीन यह कहकर कर रहा है विरोध
चीन यह कहकर भारत के कदम का विरोध कर रहा है कि यूएनएससी 1267 में इसपर कोई सहमति नहीं है. यूएनएससी 1267 आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाती है. जेईएम पहले ही प्रतिबंधित सूची में है. भारत ने गत वर्ष मार्च में संयुक्त राष्ट्र में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. भारत ने उसे पठानकोट आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड बताया. (इनपुट्स : भाषा से)
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चीन समय आने पर करेगा फैसला
मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित अन्य की प्रस्तावित अर्जी के लंबित रहने के बारे में कहा कि‘‘चीन समय आने पर इस बारे में फैसला करेगा.’’ मंत्रालय ने पहले भी एक लिखित जवाब में कहा था, ‘‘हमने कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति को चीन के रुख से अवगत कराया है.’’
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चीन यह कहकर कर रहा है विरोध
चीन यह कहकर भारत के कदम का विरोध कर रहा है कि यूएनएससी 1267 में इसपर कोई सहमति नहीं है. यूएनएससी 1267 आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाती है. जेईएम पहले ही प्रतिबंधित सूची में है. भारत ने गत वर्ष मार्च में संयुक्त राष्ट्र में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. भारत ने उसे पठानकोट आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड बताया. (इनपुट्स : भाषा से)
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