भारत और जापान ने अपने संबंधों को 'सामरिक वैश्विक भागीदारी' से बढ़ा कर 'विशेष सामरिक वैश्विक भागीदारी' के स्तर पर ले जाने की आज घोषणा की और जापान ने अगले पांच साल में भारत में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में 34 अरब डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया। लेकिन दोनों देश के बीच असैन्य परमाणु समझौता नहीं हो पाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंज़ो आबे ने शिखर वार्ता के दौरान अपनी सामरिक भागीदारी में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के महत्व की पुष्टि की और रक्षा उपकरणों तथा प्रौद्योगिकी में सहयोग का और अधिक विस्तार करने पर सहमत हुए।
मोदी की पांच दिवसीय जापान यात्रा के तीसरे दिन दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच शिखर वार्ता हुई। इसमें दोनों देश यूएस-2 नभ-जल विमान भारत को बेचने संबंधी वार्ता तेज करने भी सहमत हुए।
शिखर वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आबे ने घोषणा की कि भारत-जापान सहयोग की मिसाल के तौर पर तोक्यो भारत को वित्तीय, प्रौद्योगिकी और बुलेट ट्रेन के संचालन में सहयोग करेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं