लाहौर:
पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमलों के खिलाफ जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज़ सईद की याचिका की सुनवाई करते हुए एक पाकिस्तानी अदालत ने कहा कि वह अमेरिका के खिलाफ युद्ध का आदेश नहीं दे सकता।
हालांकि लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कल कहा कि सीआईए द्वारा संचालित खुफिया विमानों से कबीलाई इलाकों में किए जाने वाले ड्रोन हमलों को रोकने की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है।
बंदियाल ने सईद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘अमेरिकी ड्रोन हमले पाकिस्तान की नीति के खिलाफ हैं लेकिन अदालत अमेरिका के खिलाफ युद्ध के आदेश जारी नहीं कर सकती।’’ उन्होंने पाया कि अदालत संविधान के अनुरूप ही आदेश जारी कर सकती है।
मुख्य न्यायाधीश ने संघीय सरकार की ओर से दर्ज कराई कई प्रतिक्रिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले को 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
उन्होंने एक डिप्टी अटॉर्नी जनरल से अगली सुनवाई में सरकार का नजरिया बताने के लिए कहा।
सईद के वकील एके डोगार ने दावा किया कि संघीय सरकार ने ड्रोन हमलों के खिलाफ संसदीय प्रस्ताव का क्रियांवयन नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी सरकार लगातार कहती रहती है कि ड्रोन हमले पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में किए जा सकते हैं।
अपनी याचिका में सईद ने अदालत से आग्रह किया था कि वह संघीय सरकार को अमेरिका के साथ हुई हर ‘गुप्त संधि’ की जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश दे क्योंकि ऐसे मामलों की सूचना को जानने का अधिकार हर पाकिस्तानी नागरिक को है।
सईद ने अदालत से यह घोषणा करने के लिए कहा कि विदेशी मुल्कों द्वारा किए जाने वाले ये ड्रोन हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत स्वीकार्य नहीं हैं।
हालांकि लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कल कहा कि सीआईए द्वारा संचालित खुफिया विमानों से कबीलाई इलाकों में किए जाने वाले ड्रोन हमलों को रोकने की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है।
बंदियाल ने सईद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘अमेरिकी ड्रोन हमले पाकिस्तान की नीति के खिलाफ हैं लेकिन अदालत अमेरिका के खिलाफ युद्ध के आदेश जारी नहीं कर सकती।’’ उन्होंने पाया कि अदालत संविधान के अनुरूप ही आदेश जारी कर सकती है।
मुख्य न्यायाधीश ने संघीय सरकार की ओर से दर्ज कराई कई प्रतिक्रिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले को 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
उन्होंने एक डिप्टी अटॉर्नी जनरल से अगली सुनवाई में सरकार का नजरिया बताने के लिए कहा।
सईद के वकील एके डोगार ने दावा किया कि संघीय सरकार ने ड्रोन हमलों के खिलाफ संसदीय प्रस्ताव का क्रियांवयन नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी सरकार लगातार कहती रहती है कि ड्रोन हमले पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में किए जा सकते हैं।
अपनी याचिका में सईद ने अदालत से आग्रह किया था कि वह संघीय सरकार को अमेरिका के साथ हुई हर ‘गुप्त संधि’ की जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश दे क्योंकि ऐसे मामलों की सूचना को जानने का अधिकार हर पाकिस्तानी नागरिक को है।
सईद ने अदालत से यह घोषणा करने के लिए कहा कि विदेशी मुल्कों द्वारा किए जाने वाले ये ड्रोन हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत स्वीकार्य नहीं हैं।
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