इजरायल की सेना ने कहा कि गाजा सिटी के अल-शिफ़ा अस्पताल पर "वरिष्ठ हमास आतंकवादियों" को निशाना बनाकर की गई छापेमारी के दौरान सोमवार को 20 फ़िलिस्तीनी कार्यकर्ता मारे गए और कई लोगों को हिरासत में लिया गया. सैनिक टैंकों के साथ आए और हवाई हमलों ने हमास शासित क्षेत्र के सबसे बड़े चिकित्सा केंद्र के आसपास क्षेत्र पर हमला किया, यह परिसर मरीजों और विस्थापित लोगों से भरा हुआ था.
इजरायल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक टेलीविज़न बयान में कहा, "इस ऑपरेशन के दौरान हमने 200 संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा और फिलहाल उनकी जांच की जा रही है". हगारी ने कहा, "अस्पताल परिसर में हमने 20 आतंकवादियों को मार गिराया और अन्य 20 अस्पताल के आसपास के क्षेत्र में मारे गए."
मृतकों में फ़ायक़ अल-मबौह भी शामिल था, जिसके बारे में हगारी ने कहा था कि वह "हमास के आंतरिक सुरक्षा संगठन में विशेष अभियानों का प्रमुख था". गाजा पुलिस के एक सूत्र ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि मबौह बल में ब्रिगेडियर जनरल थे. सोमवार शाम को हगारी ने कहा कि इजरायली सैनिक "आज रात भी अस्पताल परिसर के अंदर अपने इस ऑपरेशन को जारी रखेंगे."
इजरायली सैनिकों द्वारा गाजा में अस्पताल पर किए जा रहे हमलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित हो गया है. WHO प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "हम उत्तरी गाजा में अल-शिफा अस्पताल की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं". "अस्पताल को कभी युद्धभूमि नहीं बनाया जाना चाहिए".
एएफपी के एक पत्रकार ने अस्पताल के आसपास के क्षेत्र में इमारतों पर हवाई हमले देखे और बताया कि "सैकड़ों लोग, जिनमें ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे, अपने घरों से भाग रहे थे." इज़रायल ने बार-बार कहा है कि परिसर में एक भूमिगत हमास नियंत्रण आधार है लेकिन उग्रवादियों ने इस दावे का खंडन किया है.
गाजा में अस्पताल अभी नहीं कर रहे हैं काम
हगारी ने कहा कि इसमें कमांडरों सहित हमास के आतंकवादियों को रखा गया था, जिन्होंने "इसे एक कमांड सेंटर में बदल दिया था, जहां से वे आतंकी अभियानों को मैनेज करते थे और युद्ध का प्रबंधन करते थे." टेड्रोस ने कहा कि अल-शिफा ने "हाल ही में न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएं बहाल की हैं." संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा के अधिकतर अस्पताल अब काम नहीं कर रहे हैं. परिवार के सदस्यों के अनुसार, फैक अल-मबौह महमूद, अल-मबहौह का भाई है, जो हमास के सशस्त्र विंग के संस्थापकों में से एक है.
बता दें कि महमूद अल-मबौह की 2010 में दुबई में हत्या कर दी गई थी, जिस पर संयुक्त अरब अमीरात के जांचकर्ताओं को संदेह था कि यह इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद का काम था.
सोमवार को, सेना ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने अल-शिफा से जब्त किए गए हथियार और पैसों के बारे में बात की. इनका इस्तेमाल हमास और एक अन्य सशस्त्र समूह, इस्लामिक जिहाद द्वारा किया जा रहा था.
जनवरी में इज़रायल की सेना ने कहा था कि उसने उत्तरी गाजा पट्टी, जहां अल-शिफा स्थित है, में हमास की कमान संरचना को "खत्म करने" का काम पूरा कर लिया है. 7 अक्टूबर को युद्ध छिड़ने के बाद से सेना ने गाजा के अन्य अस्पतालों में कार्रवाई की है.
आधिकारिक इज़रायली आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, अभूतपूर्व हमले के परिणामस्वरूप इज़रायल में लगभग 1,160 मौतें हुईं, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे.
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