UN की चेतावनी, युद्ध तेज होने के चलते गाजा के लिए वर्तमान सहायता प्रणाली हो सकती है विफल

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले सप्ताह तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव अपनाया, लेकिन सुरक्षा परिषद अब तक युद्ध से संबंधित किसी भी बात पर सहमति तक पहुंचने में असमर्थ रही है.

UN की चेतावनी, युद्ध तेज होने के चलते गाजा के लिए वर्तमान सहायता प्रणाली हो सकती है विफल

नई दिल्ली:

फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि गाजा में प्रवेश करने वाले सीमित संख्या में सहायता ट्रक क्षेत्र में अभूतपूर्व मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त थे.राफाह के माध्यम से मुट्ठी भर काफिलों को अनुमति दी जा रही है, जो गाजा में फंसे दो मिलियन से अधिक लोगों की जरूरतों की तुलना में कुछ भी नहीं है. UNRWA प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने गाजा और इजिप्ट के बीच एकमात्र सीमा पार का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह जानकारी दी.

हमास के बंदूकधारियों के हमले के बाद इजरायल ने  गाजा पर बड़े पैमाने पर बमबारी शुरू किया है. इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, 7 अक्टूबर को सीमा पर, 1,400 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर नागरिक थे और 230 लोगों को बंधक बना लिया गया.

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमलों ने हजारों इमारतों को नष्ट कर दिया है और 8,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के अनुसार, पानी, खाना और मेडिकल सप्लाय ले जाने वाले 33 ट्रक रविवार को राफाह बॉर्डर के माध्यम से गाजा में पहुंच गए हैं. UNRWA प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने सुरक्षा परिषद से तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग करने का आह्वान करते हुए कहा कि युद्ध से पहले, सहायता और अन्य सामान ले जाने वाले लगभग 500 ट्रक हर दिन गाजा में प्रवेश करते थे. 

उन्होंने कहा कि  केवल तीन सप्ताह में उनके UNRWA के 64 सहयोगी मारे गए हैं, "इतने कम समय में किसी संघर्ष में मारे गए संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मियों की यह सबसे अधिक संख्या है." उन्होंने कहा कि समीर नाम का एक संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ता, साथ ही समीर की पत्नी और बैठक से कुछ ही घंटे पहले आठ बच्चों की हत्या कर दी गई थी.  स्विस-इतालवी अधिकारी ने कहा ''मेरे UNRWA सहयोगी पूरी गाजा पट्टी के लिए आशा की एकमात्र किरण हैं लेकिन उनके पास ईंधन, पानी, भोजन और दवा खत्म हो रही है और वे जल्द ही काम करने में असमर्थ होंगे."

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "पूरी आबादी को अमानवीय बनाया जा रहा है." यूनिसेफ (UNICEF) प्रमुख कैथरीन रसेल ने परिषद को बताया कि उनकी एजेंसी का मानना ​​है कि "इसकी असली कीमत बच्चों के जीवन में मापी जाएगी जो हिंसा में खो गए और जो इसके कारण हमेशा के लिए बदल गए."

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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले सप्ताह तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव अपनाया, लेकिन सुरक्षा परिषद अब तक युद्ध से संबंधित किसी भी बात पर सहमति तक पहुंचने में असमर्थ रही है. पिछले प्रस्तावों के अनुसार, सुरक्षा परिषद के 10 निर्वाचित सदस्यों ने एक नए मसौदे पर काम करना शुरू कर दिया है, उन्हें उम्मीद है कि इससे आम सहमति बनेगी. ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने कहा, "हमारे पास कुछ करने के साधन हैं और फिर भी हम बार-बार और शर्मनाक रूप से असफल होते हैं." उन्होंने कहा, "दुनिया की निगाहें हमारी ओर देख रही हैं और कार्रवाई करने में हमारी अक्षमता से दूर नहीं जाएंगी."