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इजरायल ने अपने ही खुफिया एजेंसी के चीफ को हटाया, गाजा पर हमले के बीच नेतन्याहू ने ऐसा क्यों किया?

इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि इजरायल की घरेलू खुफिया एजेंसी, शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को पद से हटा दिया.

इजरायल ने अपने ही खुफिया एजेंसी के चीफ को हटाया, गाजा पर हमले के बीच नेतन्याहू ने ऐसा क्यों किया?
इजरायल ने अपने खुफिया एजेंसी के चीफ रोनेन बार को हटाया

गाजा पर ताबड़तोड़ हमलों के बीच इजरायल से बड़ी खबर आई है. इजरायल ने अपने ही घरेलू खुफिया एजेंसी के चीफ को बर्खास्त कर दिया है. इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि इजरायल की घरेलू खुफिया एजेंसी, शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को पद से हटा दिया. रोनेन बार को अक्टूबर 2021 में पांच साल के कार्यकाल के लिए खुफिया एजेंसी का चीफ नियुक्त किया गया था. लेकिन कार्यकाल खत्म होने के पहले ही वो नप गए हैं.

एक बयान में कहा गया, "सरकार ने सर्वसम्मति से ISA के डायरेक्टर रोनेन बार के कार्यकाल को समाप्त करने के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी."

इजरायल ने यह बड़ा फैसला उस समय लिया है जब इजरायल की सेना ने गाजा में एक घातक ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इसने कई इजरायलियों के बीच हमास के पास अभी भी बंधक लोगों के भाग्य के बारे में चिंता पैदा कर दी है. गाजा से आने वाले रॉकेट हमले की चेतावनी वाले सायरन बज रहे हैं. इसने कई महीनों में पहली बार गुरुवार को तेल अवीव क्षेत्र में इजरायलियों को छिपने के लिए भागने पर मजबूर कर दिया.

आखिर अपने ही खुफिया एजेंसी चीफ को नेतन्याहू ने क्यों हटाया?

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार रोनेन बार को पिछली इजरायली सरकार ने उस समय नियुक्त किया था जब नेतन्याहू को जून 2021 और दिसंबर 2022 के बीच सत्ता से बाहर कर दिया गया था.

7 अक्टूबर, 2023 को जब हमास का हमला शुरू हुए तो पहले भी नेतन्याहू के साथ रोनेन बार के संबंध तनावपूर्ण थे. दोनों के बीच विवाद विशेष रूप से प्रस्तावित न्यायिक सुधारों को लेकर था, जिसने इजरायल को विभाजित कर दिया था.

जब 4 मार्च 2025 को हमास हमले पर आंतरिक शिन बेट रिपोर्ट जारी हुई को दोनों के बाद संबंध और खराब हो गए.रिपोर्ट में हमले को रोकने में एजेंसी की अपनी विफलता को स्वीकार किया गया. लेकिन साथ ही यह भी कहा कि "चुप रहने की नीति ने हमास को बड़े पैमाने पर सैन्य निर्माण करने में सक्षम बनाया था".

रोनेन बार ने पहले ही संकेत दिया था कि वह हमले को रोकने में अपनी एजेंसी की विफलता की जिम्मेदारी लेते हुए अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले इस्तीफा दे देंगे.

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