संयुक्त राष्ट्र:
जापान के विदेश मंत्री कोइचिरो गेम्बा ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग बुधवार को चीन के विदेश मंत्री यांग जेईजी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने पूर्व चीन सागर में स्थित विवादित द्वीपों पर अपने-अपने दावे किए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यांग ने दियाओयू द्वीप के मुद्दे पर चीन के गम्भीर रुख को दोहराया, जो "प्राचीन काल से ही चीन का पवित्र हिस्सा है।" इस द्वीप समूह को जापान में सेनकाकू कहा जाता है।
जापानी समाचार एजेंसी क्योटो के अनुसार, कोइचिरो ने कहा कि सेनकाकू द्वीपों पर टोक्यो का अपना रुख है, और इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद में संयम बरतने का आग्रह किया। इस विवाद के कारण एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सम्बंधों को खतरा पैदा हो गया है।
अलजजीरा के अनुसार न्यूयार्क में दोनों देशों के मंत्रियों की यह मुलाकात इस विवाद के पैदा होने के बाद दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर का पहला कूटनीतिक सम्पर्क है। यह विवाद जापान की केंद्रीय सरकार द्वारा इस महीने पूर्व चीन सागर के इन द्वीपों को उनके निजी मालिकों से खरीदने के बाद शुरू हुआ है। इस कदम के बाद पूरे चीन में जापान विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए।
जापान ने कहा है कि द्वीपों को खरीदने के पीछे का मकसद टोक्यो के मेयर शिनतारो इशिहारा की अपनेक्षाकृत अधिक उकसावे वाली कोशिश को टालना था, जिन्होंने अपनी स्थानीय सरकार द्वारा इन द्वीपों को खरीदने की योजना बनाई थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यांग ने दियाओयू द्वीप के मुद्दे पर चीन के गम्भीर रुख को दोहराया, जो "प्राचीन काल से ही चीन का पवित्र हिस्सा है।" इस द्वीप समूह को जापान में सेनकाकू कहा जाता है।
जापानी समाचार एजेंसी क्योटो के अनुसार, कोइचिरो ने कहा कि सेनकाकू द्वीपों पर टोक्यो का अपना रुख है, और इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद में संयम बरतने का आग्रह किया। इस विवाद के कारण एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सम्बंधों को खतरा पैदा हो गया है।
अलजजीरा के अनुसार न्यूयार्क में दोनों देशों के मंत्रियों की यह मुलाकात इस विवाद के पैदा होने के बाद दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर का पहला कूटनीतिक सम्पर्क है। यह विवाद जापान की केंद्रीय सरकार द्वारा इस महीने पूर्व चीन सागर के इन द्वीपों को उनके निजी मालिकों से खरीदने के बाद शुरू हुआ है। इस कदम के बाद पूरे चीन में जापान विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए।
जापान ने कहा है कि द्वीपों को खरीदने के पीछे का मकसद टोक्यो के मेयर शिनतारो इशिहारा की अपनेक्षाकृत अधिक उकसावे वाली कोशिश को टालना था, जिन्होंने अपनी स्थानीय सरकार द्वारा इन द्वीपों को खरीदने की योजना बनाई थी।
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