
- पाक की खुफिया एजेंसी हमास का इस्तेमाल भारत के खिलाफ और घरेलू मोर्चे पर विद्रोह दबाने के लिए कर रही है
- हमास नेताओं को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के साथ मंच साझा करते देखा गया
- कई महीनों से हमास के लोग पाकिस्तान में रहकर एलईटी और जेईएम के कैंपों में प्रशिक्षण ले रहे हैं
ऑपरेशन सिन्दूर में बुरी तरह मात खाने के बाद पाकिस्तान नए सिरे से भारत के खिलाफ साजिश में जुट गया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी संगठन हमास के जरिए अपने भारत विरोधी मंसूबे साधने में लगी है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान हमास का इस्तेमाल न केवल भारत के खिलाफ, बल्कि घरेलू मोर्चे पर भी करना चाहता है. आईएसआई की मंशा है कि घंरेलू मोर्चे पर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में जनता के विद्रोह को दबाने में हमास का इस्तेमाल किया जाए.

पाकिस्तान की दोहरी नीति उजागर
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम देशों की संयुक्त शांति सेना के तहत पाकिस्तान गाजा में अपने सैनिक भेजने की तैयारी कर रहा है. पाक का यह कदम पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है. क्योंकि एक तरफ वह गाजा में शांति सैनिक भेजने की बात कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर उसकी निगाहें हमास का इस्तेमाल करने पर भी लगी हुई है. हाल ही में पाकिस्तान में तथाकथित कश्मीर एकजुटता दिवस के दौरान हमास नेताओं को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के साथ मंच साझा करते देखा गया.

हमास के लोग पाक में ले रहे हैं प्रशिक्षण
पिछले कई महीनों से हमास के लोग पाकिस्तान में रहकर एलईटी और जेईएम के कैंपों में प्रशिक्षण ले रहे हैं. वैसे ईरान में हमास के प्रवक्ता और प्रतिनिधि खालिद अल-कदौमी ने 4 फरवरी को कट्टरपंथी इस्लामवादी नेता मौलाना फजलुर रहमान से उनके घर पर मुलाकात की. रहमान के नेतृत्व वाले जमीयत उलमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर उनकी बैठक की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और कहा कि फिलिस्तीन की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई है.

पीओके के रावलकोट इलाके में हमास लीडर्स
इसके बाद टेलीग्राम चैनल पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक उर्दू पर्चे में दावा किया गया कि अल-क़दौमी रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में 'Kashmir Solidarity' और 'Al-Aqsa Flood' जैसे विषयों पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुआ. अन्य उपस्थित लोगों में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर का भाई तल्हा सैफ़, जैश कमांडर असगर ख़ान कश्मीरी और मसूद इलियास शामिल थे. 5 फरवरी को पाकिस्तान अपने प्रोपोगैंडा के तहत 'Kashmir Solidarity Day' मनाता है. इससे एक दिन पहले पीओके के रावलकोट इलाके में हमास लीडर्स देखे गए थे, तब ये बातें सामने आई थीं कि जैसे हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया, पाकिस्तान के आतंकी भी उनसे वही तौर तरीके सीख रहे हैं.
सूत्रों ने किया है सनसनीखेज दावा
सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं कि आतंकियों ने पहलगाम में आतंकी हमला, हमास से प्रेरणा लेकर किया. हालांकि हमास ने कभी भी खुलकर भारत के खिलाफ न ही कोई बात की है न कोई कार्रवाई ही की है, लेकिन ऐसा भी नहीं कि वह भारत के पक्ष में खुल कर खड़ा हुआ हो. पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठन हमास के पक्ष में हमेशा खड़े दिखाई देते हैं. पाकिस्तान की कोशिश यह भी होती है कि वह कश्मीर की तुलना गाजा से करें, लेकिन दोनों जगहों के हालात में आसमान और जमीन का अंतर है.
कश्मीरी लोग आतंकी समूह के खिलाफ
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह से कश्मीरी लोग आतंकी समूह के खिलाफ खुलकर खड़े हुए उससे पाक की नींद हराम हो गई है. यही वजह है अब वह हमास का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में करना चाह रहा है. बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा इलाके में लगातार पाक सेना पिट रही है, लिहाजा उसकी कोशिश है कि वह बीएलए और टीटीपी के खिलाफ भी हमास के सहारे अपनी लड़ाई लड़े.
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