इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की सेना ने धरपकड़ अभियान शुरू किया है और कई ऐसे लोगों को पकड़ा है जिनके बारे में माना जाता है कि वे अमेरिका की सीआईए के लिए काम कर रहे थे। यह कदम दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव का संकेत है। दैनिक डॉन ने गुरुवार को खबर दी कि सेना ने बुधवार को इन खबरों की पुष्टि की कि उसने ओसामा बिन लादेन पर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई तथा अन्य अज्ञात घटनाओं के सिलसिले में कई लोगों को हिरासत में लिया है लेकिन उसने किसी भी सैन्य अधिकारियों को हिरासत में लेने से इनकार किया है। डॉन के अनुसार इंटर सर्विसेज के प्रवक्ता ने कहा, ये गिरफ्तारियां मौजूदा अभियान का हिस्सा है और ये किसी एक घटना से जुड़ी नहीं है। इससे पहले न्यूयार्क टाईम्स ने खबर दी थी कि सेना के मेजर समेत पांच लोगों को इस संदेह में गिरफ्तार किया गया है कि उन्होंने सीआईए को बिन लादेन का पता लगाने में मदद की थी। हालांकि प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि इस अभियान से उनका क्या मतलब है और क्या यह पाकिस्तान में सीआईए के गोपनीय नेटवर्क के बारे में है। डॉन की खबर के मुताबिक सेना अधिकारियों से बातचीत से ऐसा लगता है कि पांच से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने कई लोगो को पकड़ा है जिनके बारे में माना जाता है कि वे अमेरिकी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे। सैन्य अधिकारी ने अखबार को बताया कि पहली बार, अमेरिकी जासूस रेमंड डेविस की गिरफ्तारी के बाद इस साल प्रारंभ में संदिग्ध सीआईए जासूसों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया था। बिन लादेन की मौत के बाद इस अभियान को तेज कर दिया गया। उसने कहा, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि हाल के महीनों में कई संदिग्ध हिरासत में लिये गए हैं। उनमें से कुछ प्रशासन से अनापत्ति मिलने के बाद रिहा कर दिए गए जबकि अन्य से पूछताछ जारी है। दैनिक के अनुसार हालांकि इस अधिकारी ने गिरफ्तारियों की सटीक संख्या नहीं बताई लेकिन सूत्रों के अनुसार यह 40 हो सकती है।