इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी मीडिया में रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि आईएसआई के साथ अपने रिश्तों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए सामान्य बनाना चाहता है, तो गेंद उसी के पाले में है। डॉन अखबार ने एक सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह सीआईए पर निर्भर है कि वह अमेरिकी राजनयिक रेमंड डेविस की गिरफ्तारी से पूर्व के स्तर तक अपने संबंध :आईएसआई के साथ: को ले जाएं। गौरतलब है कि दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के आरोप में डेविस को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने हालांकि सीआईए प्रमुख लीयोन पानेटा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा के बीच प्रत्यक्ष संपर्क होने की खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार किया है। गौरतलब है कि मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि पानेटा ने डेविस के विवादास्पद मुद्दे पर पाशा से फोन पर बात की थी। इसबीच, आईएसआई ने पाकिस्तान में मौजूद सीआईए के सभी सदस्यों के नामों का खुलासा करने को कहा है। सेना के अन्य अधिकारी ने कहा कि पेशावर से सीआईए के एक और संदिग्ध सदस्य और अमेरिकी नागरिक की गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की जानकारी के बगैर सीआईए के कई और सदस्य यहां की सरजमीं पर मौजूद हो सकते हैं। सैन्य अधिकारी ने कहा, हम उनके लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और जिस तरह का हमारे साथ बर्ताव किया जा रहा है, वैसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 80,000 अमेरिकी सैनिक हैं जो पाकिस्तान पर निर्भर हैं। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना इस विवाद को एक ऐसे मौके के रूप में देख रही है जिसके जरिए वे पाकिस्तान में अमेरिकी अधिकारियों और सीआईए के सदस्यों की गतिविधियों पर रोक लगा सकती है। पाकिस्तानी सेना मौजूदा सरकार की ओर से अमेरिकी नागरिकों को वीजा जारी करने में नरम नीति का पालन किए जाने से भी खुश नहीं हैं।