न्यूयॉर्क:
अफगानिस्तान में अमेरिका नीत सुरक्षा गठबंधन ने पाकिस्तान के इस दावे पर कड़ी आपत्ति जताई है कि उसने (आईएसएएफ ने) उग्रवादियों को पाकिस्तानी बलों पर हमलों के लिए अफगान भू-भाग का इस्तेमाल करने से रोकने की खातिर बहुत ही कम प्रयास किए हैं।
पाकिस्तान की सेना ने कहा था कि उसने अफगानिस्तान में तैनात नाटो नीत बलों को 52 बार बताया था कि उग्रवादी पाकिस्तान से अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) ने कोई जवाब नहीं दिया।
आईएसएएफ ने एक बयान में कहा, हाल ही में लगाए गए यह आरोप पूरी तरह गलत हैं कि पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में तैनात नाटो नीत बलों को 52 बार बताया था कि उग्रवादी पाकिस्तान से अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं। बयान में आगे कहा गया है कि जब भी पाकिस्तानी सेना ने सहायता के लिए अनुरोध किया, आईएसएएफ ने फौरन समुचित बल भेजे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में यह बयान प्रकाशित हुआ है और इससे एक दिन पहले ही अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत शेरी रहमान ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी और नाटो बलों को 52 बार उन आठ स्थानों के बारे में बताया था जहां से उग्रवादी हमले करते हैं लेकिन यह सूचना देने का कोई फायदा नहीं हुआ।
बयान में गठबंधन ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘‘हितों को साझा’’ किया और कहा कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है। खबर में कहा गया है ‘‘हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाने को लेकर पाकिस्तानी सेना की अनिच्छा के चलते ही अमेरिकी अधिकारी पाकिस्तान के इस दावे को लेकर नाराज हैं कि सीमा पार हमलों से उसे भी बराबर का नुकसान हुआ है। बयान पर प्रतिक्रिया में रहमान ने कहा, दोनों पक्षों की ओर से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे सामने गंभीर समस्या है। कुनार और नूरिस्तान में पाकिस्तान विरोधी आतंकवादियों की पनाहगाहें हैं। यह बात हम हर मौके पर और हर स्तर पर बताते रहे हैं।
पाकिस्तान की सेना ने कहा था कि उसने अफगानिस्तान में तैनात नाटो नीत बलों को 52 बार बताया था कि उग्रवादी पाकिस्तान से अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) ने कोई जवाब नहीं दिया।
आईएसएएफ ने एक बयान में कहा, हाल ही में लगाए गए यह आरोप पूरी तरह गलत हैं कि पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में तैनात नाटो नीत बलों को 52 बार बताया था कि उग्रवादी पाकिस्तान से अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं। बयान में आगे कहा गया है कि जब भी पाकिस्तानी सेना ने सहायता के लिए अनुरोध किया, आईएसएएफ ने फौरन समुचित बल भेजे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में यह बयान प्रकाशित हुआ है और इससे एक दिन पहले ही अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत शेरी रहमान ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी और नाटो बलों को 52 बार उन आठ स्थानों के बारे में बताया था जहां से उग्रवादी हमले करते हैं लेकिन यह सूचना देने का कोई फायदा नहीं हुआ।
बयान में गठबंधन ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘‘हितों को साझा’’ किया और कहा कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है। खबर में कहा गया है ‘‘हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाने को लेकर पाकिस्तानी सेना की अनिच्छा के चलते ही अमेरिकी अधिकारी पाकिस्तान के इस दावे को लेकर नाराज हैं कि सीमा पार हमलों से उसे भी बराबर का नुकसान हुआ है। बयान पर प्रतिक्रिया में रहमान ने कहा, दोनों पक्षों की ओर से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे सामने गंभीर समस्या है। कुनार और नूरिस्तान में पाकिस्तान विरोधी आतंकवादियों की पनाहगाहें हैं। यह बात हम हर मौके पर और हर स्तर पर बताते रहे हैं।
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ISAF Rebuke Pakistan On Border Attacks, सीमा पार हमलों के लिए आईएसएएफ ने लगाई फटकार, ISAF Rebuke Pakistan, आईएसएफ ने लगाई पाकिस्तान को फटकार