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इराक के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन अटैक, क्या ईरान ने कतर के बाद इसे भी बनाया निशाना?

Iran Israel War: इराक के इन सैन्य ठिकानों पर हमले ईरान द्वारा कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागने के कुछ घंटों बाद हुए.

इराक के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन अटैक, क्या ईरान ने कतर के बाद इसे भी बनाया निशाना?
हवाई हमले की प्रतिकात्म तस्वीर
  • ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष के बावजूद हवाई हमले जारी हैं.
  • इराक में अज्ञात ड्रोन ने दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया.
  • ईरान ने कतर में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल दागे थे.
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ईरान और इजरायल के बीच कथित सीजफायर (Iran Israel ceasefire) के बावजूद हवाई हमला जारी है. वहीं दूसरी तरफ ईरान के पड़ोसी मुल्क इराक से बड़ी खबर सामने आई है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि अज्ञात ड्रोन ने मंगलवार तड़के सुबह इराक में दो सैन्य ठिकानों के रडार सिस्टम पर हमला किया. ये हमले ईरान द्वारा कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागने के कुछ घंटों बाद हुए. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए थे जिसके जवाब में ईरान ने सोमवार की रात मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी अमेरिकी सैन्य ठिकाने (कतर की राजधानी दोहा में) पर हमला किया.

एक सुरक्षा सूत्र ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एएफपी को बताया कि इराक में पहला हमला बगदाद के उत्तर में ताजी बेस पर एक रडार सिस्टम पर हुआ. कुछ घंटों बाद ही दक्षिणी इराक के धी कार प्रांत में "एक ड्रोन ने इमाम अली एयरबेस पर रडार सिस्टम को निशाना बनाया".

सूत्र ने बताया कि एक और ड्रोन बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दस किलोमीटर पश्चिम में राडवानिया जिले में गिरा, जहां जिहादी विरोधी गठबंधन के हिस्से के रूप में अमेरिकी सैनिक एक बेस में तैनात हैं. किसी ने भी हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है.

सरकारी सुरक्षा प्रवक्ता साद मान ने कहा, "ताजी बेस में एक अज्ञात ड्रोन ने रडार पर हमला किया". उन्होंने अधिक डिटेल्स दिए बिना कहा कि एक और ड्रोन "एक जनरेटर के पास गिरा था". वहीं लेफ्टिनेंट जनरल वालिद अल-तमीमी ने आधिकारिक इराकी न्यूज एजेंसी को बताया कि हमलों में भौतिक क्षति हुई लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ.

गौरतलब है कि ताजी बेस ने कई साल पहले अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी की थी और यह अक्सर रॉकेट हमलों का टारगेट रहा था. 

ईरान-इजरायल युद्ध ने बढ़ाया है तनाव

13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ अचानक किए गए हमले के बाद से दोनों देश जंग के मैदान में कूद चुके थे, दोनों एक-दूसरे के उपर मिसाइले दाग रहे थे. इससे क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका पैदा हो गई थी. अमेरिका भी ईरान के खिलाफ अपने सहयोगी इजरायल के सैन्य अभियान में शामिल हो गया. अमेरिका ने ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकाने पर बड़े पैमाने पर बंकर-तोड़ बमों से हमला किया और शनिवार से रविवार तक रात भर दो अन्य परमाणु सुविधाओं पर हमला किया.

ईरान समर्थित इराकी गुटों ने पिछले सालों में अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करने वाले ठिकानों पर हमला किया था. उसके करीबी एक सूत्र ने एएफपी को बताया, "निश्चित रूप से" समूहों का ड्रोन हमलों से कोई लेना-देना नहीं है.

ईरानी हमलों के बाद इराकी सुरक्षा सूत्रों ने एएफपी को बताया कि "अब तक" तेहरान ने अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करने वाले ठिकानों पर हमला नहीं किया है, जो जिहादी विरोधी गठबंधन के हिस्से के रूप में इराक में तैनात हैं. इजरायल-ईरान संघर्ष ने इराक को अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है.

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