विएना:
ईरान समेत छह विश्व शक्तियों ने एक असाधारण कदम उठाते हुए अपने परमाणु समझौते के गोपनीय दस्तावेज जारी किए हैं और जताने की कोशिश की है कि संवर्धित यूरेनियम की सीमा के बारे में तेहरान झूठ नहीं बोल रहा. संवर्धित यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जाता है.
कुछ दस्तावेज 6 जनवरी, 2016 के हैं, इसके कुछ ही समय बाद समझौता लागू हो गया था. लेकिन इन्हें सार्वजनिक कल ही किया गया है और परमाणु समझौते की निगरानी कर रहे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट पर इन्हें डाला गया है.
समझौते के मुताबिक ईरान केवल कम संवर्धित यूरेनियम ही रख सकता है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं किया जा सकता और इसकी भी सीमा 300 किलोग्राम तक है जो हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है.
जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है.
दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है.
कुछ दस्तावेज 6 जनवरी, 2016 के हैं, इसके कुछ ही समय बाद समझौता लागू हो गया था. लेकिन इन्हें सार्वजनिक कल ही किया गया है और परमाणु समझौते की निगरानी कर रहे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट पर इन्हें डाला गया है.
समझौते के मुताबिक ईरान केवल कम संवर्धित यूरेनियम ही रख सकता है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं किया जा सकता और इसकी भी सीमा 300 किलोग्राम तक है जो हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है.
जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है.
दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है.
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