विश्व की महाशक्तियों और ईरान के बीच तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर रविवार को हुई बातचीत विफल होने के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि घरेलू यूरेनियम संवर्धन पर ईरान कोई समझौता नहीं करेगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों - इंग्लैंड, चीन, फ्रांस, अमेरिका एवं रूस - के अलावा जर्मनी के बीच जेनेवा में तीन दिनों तक चली बातचीत शनिवार को बेनतीजा समाप्त हो गई। हालांकि वार्ता में प्रगति के संकेत दिखे। अगले दौर की वार्ता 20 नवंबर को होगी।
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन ने रविवार तड़के कहा कि विश्व शक्तियों और ईरान के बीच विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर 20 नवंबर को फिर बातचीत होगी।
ईरानी राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि विश्व को ईरान पर भरोसा करना चाहिए, और उसके नागरिकों को अपने 'कानूनी परमाणु अधिकारों' का आनंद उठाने देना चाहिए। रूहानी ने अपनी बाद दोहराते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी 'इरना' ने रूहानी के हवाले से कहा, "ईरानी नागरिकों के अधिकार एवं राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत परमाणु अधिकार एवं ईरान में यूरेनियम संवर्धन शामिल हैं।"
रूहानी ने ईरान की संसद में कहा, "हमने बातचीत एवं गतिविधियों के जरिए वार्ताकारों से स्पष्ट कर दिया है कि धमकियों, प्रतिबंधों, तिरस्कार एवं भेदभाव का ईरान पर कोई असर नहीं होगा। ईरान किसी भी शक्ति के आगे न तो झुका है और न ही झुकेगा।"
ईरान और विश्व शक्तियों के बीच शनिवार को बातचीत समाप्त होने के बाद बीबीसी ने एश्टन के हवाले से कहा कि काफी ठोस प्रगति हुई है लेकिन कुछ मतभेद अभी भी बरकरार हैं।
दूसरी तरफ ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जव्वाद जरीफ ने कहा कि वह बातचीत के परिणाम से निराश नहीं हैं। सभी पक्षों का विचार समान है, और एक समझौते पर पहुंचने की संभावना है।
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि हम पहले की तुलना में समझौते के ज्यादा नजदीक हैं।
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