
इस्लामाबाद:
भारत और पाकिस्तान ने सियाचिन ग्लेशियर विवाद का कोई समाधान निकालने के लिए सोमवार को दो दिवसीय बातचीत शुरू की जो आज मंगलवार को को भी जारी है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी ने एक भारी हिमस्खलन में लगभग 140 सैनिकों के मारे जाने के बाद दुनिया के इस सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र को सैन्य मुक्त करने का आह्वान किया है।
अधिकारियों ने कहा है कि दोनों देशों के रक्षा सचिव, विवाद के समाधान के कई प्रस्तावों की समीक्षा करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस्लामाबाद के निकट रावलपिंडी शहर में हो रही इस बातचीत में भारतीय रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व वहां की रक्षा सचिव नर्गिस सेठी कर रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों रक्षा सचिवों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत से पहले अकेले में बातचीत की। रक्षा अधिकारियों के अलावा सैन्य अभियानों के महानिदेशक और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी बातचीत में हिस्सा ले रहे हैं।
सियाचिन ग्लेशियर विवाद उस समय सुर्खियों में आया, जब अप्रैल के प्रारम्भ में एक पाकिस्तानी सैन्य शिविर पर भारी हिमस्खलन हुआ, परिणामस्वरूप 140 सैनिकों और असैन्य ठेकेदारों की बर्फ के नीचे दबने से मौत हो गई।
उसके बाद से ही लम्बे समय से लम्बित इस विवाद के समाधान के लिए आह्वान किए जा रहे हैं, जहां विपरीत मौसम के कारण जितने सैनिक मारे गए हैं, उतने लड़ाई में नहीं।
दोनों देशों ने इस मुद्दे पर कई वार्ताएं की हैं, लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। दोनों देशों ने इस मुद्दे पर पिछली बातचीत 2011 के मध्य नई दिल्ली में की थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
कयानी ने 18 अप्रैल के हिमस्खलन के बाद सियाचिन का दौरा किया था और टकराव के अंत के लिए बातचीत का आह्वान किया था और कहा था कि ग्लेशियर को सैन्यमुक्त किया जाना चाहिए।
कयानी ने कहा था, "दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व बहुत जरूरी है, ताकि दोनों पक्ष अपने लोगों की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। दोनों देशों को एकसाथ मिल बैठकर सियाचिन सहित सभी मुद्दे सुलझा लेने चाहिए।"
अधिकारियों ने कहा है कि दोनों देशों के रक्षा सचिव, विवाद के समाधान के कई प्रस्तावों की समीक्षा करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस्लामाबाद के निकट रावलपिंडी शहर में हो रही इस बातचीत में भारतीय रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व वहां की रक्षा सचिव नर्गिस सेठी कर रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों रक्षा सचिवों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत से पहले अकेले में बातचीत की। रक्षा अधिकारियों के अलावा सैन्य अभियानों के महानिदेशक और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी बातचीत में हिस्सा ले रहे हैं।
सियाचिन ग्लेशियर विवाद उस समय सुर्खियों में आया, जब अप्रैल के प्रारम्भ में एक पाकिस्तानी सैन्य शिविर पर भारी हिमस्खलन हुआ, परिणामस्वरूप 140 सैनिकों और असैन्य ठेकेदारों की बर्फ के नीचे दबने से मौत हो गई।
उसके बाद से ही लम्बे समय से लम्बित इस विवाद के समाधान के लिए आह्वान किए जा रहे हैं, जहां विपरीत मौसम के कारण जितने सैनिक मारे गए हैं, उतने लड़ाई में नहीं।
दोनों देशों ने इस मुद्दे पर कई वार्ताएं की हैं, लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। दोनों देशों ने इस मुद्दे पर पिछली बातचीत 2011 के मध्य नई दिल्ली में की थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
कयानी ने 18 अप्रैल के हिमस्खलन के बाद सियाचिन का दौरा किया था और टकराव के अंत के लिए बातचीत का आह्वान किया था और कहा था कि ग्लेशियर को सैन्यमुक्त किया जाना चाहिए।
कयानी ने कहा था, "दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व बहुत जरूरी है, ताकि दोनों पक्ष अपने लोगों की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। दोनों देशों को एकसाथ मिल बैठकर सियाचिन सहित सभी मुद्दे सुलझा लेने चाहिए।"
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