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This Article is From Sep 03, 2015

भारत काला धन रखने वाले खातों की जानकारी हासिल करने के करीब

भारत काला धन रखने वाले खातों की जानकारी हासिल करने के करीब
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...
बर्न: भारत को एचएसबीसी की जिनेवा ब्रांच में मौजूद भारतीय नागरिकों और कंपनियों के 600 खातों के बाबत जानकारी हासिल करने में के करीब पहुंच गया है। सरकार इन खातों में जमा धन के ब्‍लैक मनी होने के बाबत जांच करना चाहती है।

स्विट्जरलैंड की सरकार ने कर अपराधों की जांच कर रहे दूसरे देशों को चोरी से हासिल सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर भी सहयोग करने के लिए अपने कानून में संशोधन का आज प्रस्ताव किया है। पर इसके लिए शर्त है कि ऐसे मामलों में ब्योरा प्रशासनिक चैनल या सार्वजनिक सूत्रों के माध्यम से मिला होना चाहिए। माना जा रहा है कि इस कदम से भारत को काले धन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।

स्विस संघीय परिषद ने इस बारे में एक विधेयक को मंजूरी दे दी। यह स्विट्जरलैंड सरकार की शीर्ष नीति निर्माता इकाई है। इस पर सार्वजनिक विचार विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पर संसद में चर्चा होगी।

यह प्रस्ताव भारत की दृष्टि से काफी महत्व रखता है। भारत सैंकड़ों ऐसे मामलों की जांच कर रहा है, जिनमें उसके नागरिकों ने स्विस बैंकों में काला धन जमा किया हुआ है। ये नाम एचएसबीसी की जिनेवा शाखा में खाताधारकों की लंबी सूची में हैं। यह सूची बैंक के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा चुराई गई थी। यह सूची फ्रांसीसी सरकार के पास पहुंची थी, जिसने इसके नामों को भारत सरकार के साथ साझा किया।

स्विट्जरलैंड के घरेलू कानून के तहत चोरी के आंकड़ों के आधार पर आपसी सहयोग करने की अनुमति नहीं है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संधि होने के बावजूद स्विट्जरलैंड के अधिकारी इसी कानून की वजह से भारत के साथ सूचनाएं साझा करने से इनकार करते रहे हैं। हालांकि, स्विट्जरलैंड ने इस बात पर सहमति दी है कि यदि भारत इन लोगों के बारे में स्वतंत्र प्रमाण पेश करता है तो वह उनके बारे में सूचना साझा कर सकता है। इस मार्ग से भारतीय कर विभाग को कुछ मामलों में ब्योरा मिला है। (इनपुट भाषा से भी)

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