ब्रिटेन में भारतीय मूल के युगल को ऑस्ट्रेलिया में आधे टन से अधिक कोकीन भेजने का दोषी ठहराया गया है. जांच के बाद पता चला कि वे एक कंपनी से जुड़े थे. उन्होंने कंपनी के नाम पर धातु के टूलबॉक्स की आड़ में छिपाकर कोकीन विमान से ऑस्ट्रेलिया भेजी थी. भारत ने आरोपियों के प्रत्यर्पण की मांग की है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि भारत ने ब्रिटेन से इनके प्रत्यर्पण की मांग की थी, इनपर गुजरात में उनके दत्तक पुत्र की हत्या के आरोप थे, ऑस्ट्रेलिया में आधे टन से अधिक कोकीन निर्यात करने का दोषी ठहराए जाने के बाद 33 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.
जांच एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मई 2021 में सिडनी पहुंचने पर ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल ने 5.7 करोड़ पाउंड की कोकीन पकड़ी और राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के जांचकर्ताओं ने इसे भेजने वाले की पहचान ईलिंग के हनवेल की 59 वर्षीय आरती धीर और 35 वर्षीय कवलजीत सिंह रायजादा के रूप में की.
एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मई 2021 में सिडनी पहुंचने पर ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल द्वारा 57 मिलियन पाउंड की कोकीन पकड़े जाने के बाद ईलिंग के हनवेल की 59 वर्षीय आरती धीर और 35 वर्षीय कवलजीतसिंह रायजादा की पहचान राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के अधिकारियों द्वारा की गई थी,
एनसीए के वरिष्ठ जांच अधिकारी पियर्स फिलिप्स ने कहा: "आरती धीर और कवलजीतसिंह रायजादा ने यूके से ऑस्ट्रेलिया तक लाखों पाउंड मूल्य की कोकीन की तस्करी के लिए हवाई माल ढुलाई उद्योग का इस्तेमाल किया, उन्हें यह पता था कि इन तरीकों से वे और ज्यादा कमा सकते हैं. उन्होंने अपनी संपत्ति को कैश फॉर्म में रखा. साथ ही साथ अवैध पैसों से उन्होंने सोने-चांदी की खरीददारी कर ली.
धीर और रायजादा ने ऑस्ट्रेलिया में कोकीन भेजने और धन शोधन के आरोपों से इनकार किया है. सोमवार को साउथवार्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायाधीशों की जूरी ने उन्हें निर्यात के 12 मामलों और धन शोधन के 18 मामलों में दोषी ठहराया. उन्हें मंगलवार को इसी अदालत में सजा सुनाई जाएगी.
ऑस्ट्रेलिया में बेचे जाने पर इन नशीले पदार्थों की कीमत 5.7 करोड़ पाउंड तक होती, जहां कीमतें ब्रिटेन की तुलना में काफी अधिक हैं. ब्रिटेन में थोक में एक किलोग्राम कोकीन की कीमत लगभग 26,000 पाउंड प्रति किलोग्राम है लेकिन ऑस्ट्रेलिया में इतनी मात्रा में कोकीन 110,000 पाउंड में बिकती है.
अधिकारियों को पता चला कि यह खेप धीर और रायजादा के पास थी जिन्होंने मादक पदार्थ की तस्करी के एकमात्र उद्देश्य से विफ्लाई फ्रेट सर्विसेज नामक एक कंपनी की स्थापना की थी. जून 2015 में कंपनी के गठन के बाद से दोनों आरोपी अलग-अलग समय पर कंपनी के निदेशक रहे हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं