बीजिंग:
आतंकवादियों से कथित संबंधों के मामले में चीन में गिरफ्तार किए गए 46 वर्षीय भारतीय नागरिक को रिहा करके आज स्वदेश भेज दिया गया। भारतीय अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
राजीव मोहन कुलश्रेष्ठ एक दक्षिण अफ्रीकी चैरिटी ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ से जुड़े 19 अन्य विदेशियों के साथ चीन आए थे। उन्हें चीन के इनर मंगोलिया प्रांत के ओरदोस में होटल के अपने कमरों में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के वीडियो कथित रूप से देखने के मामले में 10 जुलाई को हिरासत में लिया गया था।
ऐसा बताया जा रहा है कि कुलश्रेष्ठ दिल्ली के एक व्यापारी हैं। उन्हें भारत के लिए रवाना होने की अनुमति देने से पूर्व शुक्रवार शाम बीजिंग लाया गया था।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी करके बताया कि उसने कुलश्रेष्ठ की रिहाई में मदद की। दूतावास बीजिंग और मंगोलिया में चीनी अधिकारियों के निकट संपर्क में था। बयान में बताया गया है कि कुलश्रेष्ठ को रवाना करते समय हवाईअड्डे पर भारतीय अधिकारी मौजूद थे।
चीन ने कुलश्रेष्ठ को स्वदेश वापस भेजने से पूर्व ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के 11 नागरिकों को रिहा कर दिया था। कुलश्रेष्ठ को आठ अन्य के साथ हिरासत में रखा गया था। वह 47 दिनों की यात्रा पर चीन आए थे।
दक्षिण अफ्रीकी मीडिया के अनुसार चीन ने आठ अन्य लोगों को भी रिहा कर दिया। इनमें दक्षिण अफ्रीका के पांच और ब्रिटेन के तीन नागरिक शामिल हैं। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए सभी 20 लोगों को रिहा कर दिया गया है।
इससे पूर्व आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया था कि नौ लोगों को आतंकवाद संबंधी वीडियो देखने के मामले में हिरासत में लिया गया था। यह मामला उस समय और पेचीदा बन गया जब इनर मंगोलिया में एक स्थानीय चीनी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आतंकवाद का प्रचार करने की भी कोशिश की थी।
गिफ्ट ऑफ द गिवर्स फाउंडेशन ने कहा था, समूह पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन चीनी अधिकारी के बयान बहुत अस्पष्ट हैं। वे कह रहे हैं कि समूह में किसी व्यक्ति के एक संदिग्ध आतंकवादी संगठन से संबंध हैं और वह यह कह रहे हैं कि किसी के एक प्रतिबंधित समूह से संबंध हैं और वह यह भी कह रहे हैं कि गिरफ्तारी का वास्तविक कारण यह है कि कोई होटल में दुष्प्रचार संबंधी वीडियो देख रहा था।
राजीव मोहन कुलश्रेष्ठ एक दक्षिण अफ्रीकी चैरिटी ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ से जुड़े 19 अन्य विदेशियों के साथ चीन आए थे। उन्हें चीन के इनर मंगोलिया प्रांत के ओरदोस में होटल के अपने कमरों में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के वीडियो कथित रूप से देखने के मामले में 10 जुलाई को हिरासत में लिया गया था।
ऐसा बताया जा रहा है कि कुलश्रेष्ठ दिल्ली के एक व्यापारी हैं। उन्हें भारत के लिए रवाना होने की अनुमति देने से पूर्व शुक्रवार शाम बीजिंग लाया गया था।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी करके बताया कि उसने कुलश्रेष्ठ की रिहाई में मदद की। दूतावास बीजिंग और मंगोलिया में चीनी अधिकारियों के निकट संपर्क में था। बयान में बताया गया है कि कुलश्रेष्ठ को रवाना करते समय हवाईअड्डे पर भारतीय अधिकारी मौजूद थे।
चीन ने कुलश्रेष्ठ को स्वदेश वापस भेजने से पूर्व ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के 11 नागरिकों को रिहा कर दिया था। कुलश्रेष्ठ को आठ अन्य के साथ हिरासत में रखा गया था। वह 47 दिनों की यात्रा पर चीन आए थे।
दक्षिण अफ्रीकी मीडिया के अनुसार चीन ने आठ अन्य लोगों को भी रिहा कर दिया। इनमें दक्षिण अफ्रीका के पांच और ब्रिटेन के तीन नागरिक शामिल हैं। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए सभी 20 लोगों को रिहा कर दिया गया है।
इससे पूर्व आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया था कि नौ लोगों को आतंकवाद संबंधी वीडियो देखने के मामले में हिरासत में लिया गया था। यह मामला उस समय और पेचीदा बन गया जब इनर मंगोलिया में एक स्थानीय चीनी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आतंकवाद का प्रचार करने की भी कोशिश की थी।
गिफ्ट ऑफ द गिवर्स फाउंडेशन ने कहा था, समूह पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन चीनी अधिकारी के बयान बहुत अस्पष्ट हैं। वे कह रहे हैं कि समूह में किसी व्यक्ति के एक संदिग्ध आतंकवादी संगठन से संबंध हैं और वह यह कह रहे हैं कि किसी के एक प्रतिबंधित समूह से संबंध हैं और वह यह भी कह रहे हैं कि गिरफ्तारी का वास्तविक कारण यह है कि कोई होटल में दुष्प्रचार संबंधी वीडियो देख रहा था।
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