फाइल फोटो
काबुल:
अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर रविवार रात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि चार हमलावरों ने दूतावास को निशाना बनाया। इनमें से दो हमलावरों के मारे जाने की खबर है।
अफगान स्पेशल फोर्सेज और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। दो हमलावर वाणिज्य दूतावास के पीछे एक घर में छुपे हुए हैं। अफगानिस्तान की स्पेशल फोर्सेस इन आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जुटी हुई है।
दूतावास के पास धमाके और गोलीबारी की आवाजें सुनी गई हैं। मजार-ए-शरीफ में भारत के वाणिज्य दूतावास में तीन-सदस्यीय टीम है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक सभी भारतीय सुरक्षित हैं। आईटीबीपी के जवानों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है। अफगानिस्तान में आईटीबीपी के 300 जवान तैनात हैं। पिछले डेढ़ साल में यह दूसरा हमला है जिसे आईटीबीपी ने विफल कर दिया। दो आतंकी अभी भी बचे हैं।
दूतावास में महा वाणिज्य दूत बी सरकार ने कहा, ‘सभी सुरक्षित हैं।’ उत्तरी अफगान के इस शहर में मिशन की सुरक्षा तीन भारतीय जवान करते हैं।
सरकार ने कहा कि गोलीबारी करीब 20 मिनट चली। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने किसी पास की इमारत से गोलियां चलाईं लेकिन कोई वाणिज्य दूतावास के अंदर नहीं घुस सका।’ वाणिज्य दूतावास के एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के हवाले से एएफपी ने कहा, ‘हम पर हमला किया गया है। लड़ाई जारी है।’ दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। उसका कहना है कि विस्तृत जानकारी का इंतजार है। यह हमला युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भारतीय परिसंपत्तियों पर यह एक और हमला है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब सुरक्षा बल और पंजाब के पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ दूसरे दिन भी जारी है।
फिलहाल किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह घटना ऐसे समय हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को संक्षिप्त दौरे पर काबुल आए थे और इस दौरान उन्होंने भारत द्वारा बनाई गई अफगान संसद की नई इमारत का उद्घाटन किया था।
संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि अफगानिस्तान केवल तभी सफल होगा जब सीमापार से आतंकवाद बंद होगा और जब आतंकवाद की नर्सरी एवं शरणस्थली बंद होगी।
(इनपुट राजीव रंजन...)
अफगान स्पेशल फोर्सेज और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। दो हमलावर वाणिज्य दूतावास के पीछे एक घर में छुपे हुए हैं। अफगानिस्तान की स्पेशल फोर्सेस इन आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जुटी हुई है।
दूतावास के पास धमाके और गोलीबारी की आवाजें सुनी गई हैं। मजार-ए-शरीफ में भारत के वाणिज्य दूतावास में तीन-सदस्यीय टीम है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक सभी भारतीय सुरक्षित हैं। आईटीबीपी के जवानों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है। अफगानिस्तान में आईटीबीपी के 300 जवान तैनात हैं। पिछले डेढ़ साल में यह दूसरा हमला है जिसे आईटीबीपी ने विफल कर दिया। दो आतंकी अभी भी बचे हैं।
दूतावास में महा वाणिज्य दूत बी सरकार ने कहा, ‘सभी सुरक्षित हैं।’ उत्तरी अफगान के इस शहर में मिशन की सुरक्षा तीन भारतीय जवान करते हैं।
सरकार ने कहा कि गोलीबारी करीब 20 मिनट चली। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने किसी पास की इमारत से गोलियां चलाईं लेकिन कोई वाणिज्य दूतावास के अंदर नहीं घुस सका।’ वाणिज्य दूतावास के एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के हवाले से एएफपी ने कहा, ‘हम पर हमला किया गया है। लड़ाई जारी है।’ दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। उसका कहना है कि विस्तृत जानकारी का इंतजार है। यह हमला युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भारतीय परिसंपत्तियों पर यह एक और हमला है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब सुरक्षा बल और पंजाब के पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ दूसरे दिन भी जारी है।
फिलहाल किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह घटना ऐसे समय हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को संक्षिप्त दौरे पर काबुल आए थे और इस दौरान उन्होंने भारत द्वारा बनाई गई अफगान संसद की नई इमारत का उद्घाटन किया था।
संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि अफगानिस्तान केवल तभी सफल होगा जब सीमापार से आतंकवाद बंद होगा और जब आतंकवाद की नर्सरी एवं शरणस्थली बंद होगी।
(इनपुट राजीव रंजन...)
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