ह्यूस्टन : प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ सुरेश गदासल्ली की उनके दोस्त और कारोबारी सहयोगी ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद इस दोस्त ने खुद भी टेक्सास के ओडेसा में आत्महत्या कर ली।
डॉक्टर गदासल्ली दुनिया के ऐसे पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने दुनिया का पहला 'साइमल्टेनियस हाइब्रिड रीवैस्क्युलराइजेशन' किया था।
ओडेसा के पुलिस विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि 53-वर्षीय डॉक्टर गदासल्ली को गुरुवार को 'हेल्दी हार्ट सेंटर' में 60-वर्षीय कारोबारी सहयोगी अय्यासामी थंगम ने गोली मार दी थी। विज्ञप्ति में कहा गया कि थंगम ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया था और दोनों व्यक्ति अंदर थे। इसके बाद एक गोली चलने की आवाज आई।
एक अधिकारी स्टीव लेसुवर के अनुसार ये दोनों व्यक्ति करीबी दोस्त थे और कारोबार में भी एक-दूसरे के सहयोगी थे।
डॉक्टर गदासल्ली के एक संबंधी ने कहा कि दोनों परिवार एक-दूसरे को एक दशक से जानते थे। डॉक्टर गदासल्ली का अंतिम संस्कार बुधवार को ओडेसा में होने की संभावना है। इस घटना से शहर के लोग स्तब्ध हैं। यह शहर लॉरा और जॉर्ज बुश का गृहनगर है और यहां लगभग ढाई लाख लोग रहते हैं। लेसुवर ने शुक्रवार को इन हत्याओं के संभावित कारण पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि पुलिस को भी यह जानकारी नहीं है कि थंगम का इलाज क्यों किया जा रहा था।
डॉक्टर गदासल्ली मूल रूप से बेंगलुरु के निवासी थे और उन्होंने कर्नाटक के बेलगाम में पढ़ाई की थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोन्सिन मेडिकल स्कूल और मिलवाउकी के सिनाई समैरिटन सेंटर में उन्होंने इंटरनल मेडिसिन और कार्डियोलॉजी (हृदय विज्ञान) की पढ़ाई की।
उन्हें वर्ष 1994 में टेक्सास के ओडेसा स्थित मेडिकल सेंटर अस्पताल में नौकरी मिली। हेल्दी हार्ट सेंटर के प्रोफाइल में बताया गया है कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कॉर्डियोलॉजिस्ट्स ने डॉक्टर गदासल्ली को एक प्रमुख चिकित्सक के रूप में मान्यता दी। वर्ष 2008 में टेक्सास मंथली में उन्हें 'सुपर डॉक्टर' कहा गया था।
2005 में उन्होंने दुनिया का पहला 'साइमल्टेलियस हाइब्रिड रीवैस्कुलराइजेशन' किया था, जिसमें दो बड़ी प्रक्रियाएं शामिल थीं। एक प्रक्रिया कोरोनरी धमनी की बाइपास सर्जरी की थी और दूसरी प्रक्रिया स्टेंट बदलने की थी। इन प्रक्रियाओं को दा विंची सर्जिकल सिस्टम नामक रोबोट प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया गया।
गदासल्ली पर 'करंसी स्ट्रक्चरिंग' के आरोप लगे थे और संघीय अदालत के इस मामले में वह जांच के घेरे में आ चुके थे। एफबीआई ने जून, 2012 में हेल्दी हार्ट सेंटर में जांच शुरू की थी। पिछली खबरों के अनुसार, उन पर बिना जानकारी दिए लेनदेन करते हुए संघीय नियम का उल्लंघन करने का आरोप था। अदालती रिकॉर्डों के अनुसार, गदासल्ली का मामला 22 जनवरी, 2014 को बंद कर दिया गया था।
डॉक्टर गदासल्ली दुनिया के ऐसे पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने दुनिया का पहला 'साइमल्टेनियस हाइब्रिड रीवैस्क्युलराइजेशन' किया था।
ओडेसा के पुलिस विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि 53-वर्षीय डॉक्टर गदासल्ली को गुरुवार को 'हेल्दी हार्ट सेंटर' में 60-वर्षीय कारोबारी सहयोगी अय्यासामी थंगम ने गोली मार दी थी। विज्ञप्ति में कहा गया कि थंगम ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया था और दोनों व्यक्ति अंदर थे। इसके बाद एक गोली चलने की आवाज आई।
एक अधिकारी स्टीव लेसुवर के अनुसार ये दोनों व्यक्ति करीबी दोस्त थे और कारोबार में भी एक-दूसरे के सहयोगी थे।
डॉक्टर गदासल्ली के एक संबंधी ने कहा कि दोनों परिवार एक-दूसरे को एक दशक से जानते थे। डॉक्टर गदासल्ली का अंतिम संस्कार बुधवार को ओडेसा में होने की संभावना है। इस घटना से शहर के लोग स्तब्ध हैं। यह शहर लॉरा और जॉर्ज बुश का गृहनगर है और यहां लगभग ढाई लाख लोग रहते हैं। लेसुवर ने शुक्रवार को इन हत्याओं के संभावित कारण पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि पुलिस को भी यह जानकारी नहीं है कि थंगम का इलाज क्यों किया जा रहा था।
डॉक्टर गदासल्ली मूल रूप से बेंगलुरु के निवासी थे और उन्होंने कर्नाटक के बेलगाम में पढ़ाई की थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोन्सिन मेडिकल स्कूल और मिलवाउकी के सिनाई समैरिटन सेंटर में उन्होंने इंटरनल मेडिसिन और कार्डियोलॉजी (हृदय विज्ञान) की पढ़ाई की।
उन्हें वर्ष 1994 में टेक्सास के ओडेसा स्थित मेडिकल सेंटर अस्पताल में नौकरी मिली। हेल्दी हार्ट सेंटर के प्रोफाइल में बताया गया है कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कॉर्डियोलॉजिस्ट्स ने डॉक्टर गदासल्ली को एक प्रमुख चिकित्सक के रूप में मान्यता दी। वर्ष 2008 में टेक्सास मंथली में उन्हें 'सुपर डॉक्टर' कहा गया था।
2005 में उन्होंने दुनिया का पहला 'साइमल्टेलियस हाइब्रिड रीवैस्कुलराइजेशन' किया था, जिसमें दो बड़ी प्रक्रियाएं शामिल थीं। एक प्रक्रिया कोरोनरी धमनी की बाइपास सर्जरी की थी और दूसरी प्रक्रिया स्टेंट बदलने की थी। इन प्रक्रियाओं को दा विंची सर्जिकल सिस्टम नामक रोबोट प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया गया।
गदासल्ली पर 'करंसी स्ट्रक्चरिंग' के आरोप लगे थे और संघीय अदालत के इस मामले में वह जांच के घेरे में आ चुके थे। एफबीआई ने जून, 2012 में हेल्दी हार्ट सेंटर में जांच शुरू की थी। पिछली खबरों के अनुसार, उन पर बिना जानकारी दिए लेनदेन करते हुए संघीय नियम का उल्लंघन करने का आरोप था। अदालती रिकॉर्डों के अनुसार, गदासल्ली का मामला 22 जनवरी, 2014 को बंद कर दिया गया था।
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