वाशिंगटन:
अमेरिका के लूसियाना प्रांत के भारतीय मूल के गवर्नर बॉबी जिंदल महीनों से चल आ रही अटकलों पर विराम लगाते हुए न्यू ओर्लियांस में वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर सकते हैं। उम्मीदवार बनने की स्थिति में वह अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे।
उम्मीदवारी का ऐलान करते ही जिंदल रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए 12वें दावेदार हो जाएंगे, जिनमें दिग्गज नेता जेब बुश और रिकी पेरी भी शामिल हैं। हालांकि जिंदल की इस ऐतिहासिक दावेदारी को लेकर भारतीय समुदाय के लोगों में ज्यादा उत्साह नहीं है, क्योंकि जिंदल ने हाल के दिनों में कुछ ऐसे बयान दिए, जिनमें उन्होंने अपनी भारतीय-अमेरिकी की पहचान से दूरी बनाने का प्रयास किया था।
कभी रिपब्लिकन के उदीयमान सितारे के तौर पर देखे जाने वाले 44-वर्षीय जिंदल की चमक साल 2009 में उस वक्त फीकी पड़ गई थी, जब वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के 'स्टेट ऑफ यूनियन एड्रेस' का माकूल जवाब देने में नाकाम रहे थे। लेकिन बीते दो वर्षों में उन्होंने लोगों के बीच अपनी उपस्थिति को लेकर खासा ध्यान दिया है और इस दौरान कुछ प्रभावशाली भाषण भी दिए हैं।
अपने प्रांत लूसियाना में जिंदल काफी लोकप्रिय हैं, और वह यहां करीब सात साल से शासन कर रहे हैं। न्यू ओर्लियांस में उनके संबोधन स्थल के सभी टिकट लिए जा चुके हैं। ओबामा के धुर-आचोलक जिंदल ने इस साल की शुरुआत में भारत से रिश्तों में सुधार की पैरवी की थी। जिंदल के माता-पिता भारत से अमेरिका आए थे। वह शक्तिशाली 'रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएसन' के उपाध्यक्ष भी हैं।
वैसे, रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने के दावेदारों में जिंदल की लोकप्रियता काफी कम है। रिपब्लिकन की ओर से फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर जेब बुश, बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जन बेन कार्सन, टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज, पूर्व सीईओ (एचपी) कार्नी फियोरिना, दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर लिंडसे ग्राहम, आरकांसस के पूर्व गवर्नर माइक हकाबी, न्यूयॉर्क के पूर्व गर्वनर जॉर्ज पटाकी और केंटकी के सीनेटर रैंड पॉल ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने की दावेदारी पेश की है।
उम्मीदवारी का ऐलान करते ही जिंदल रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए 12वें दावेदार हो जाएंगे, जिनमें दिग्गज नेता जेब बुश और रिकी पेरी भी शामिल हैं। हालांकि जिंदल की इस ऐतिहासिक दावेदारी को लेकर भारतीय समुदाय के लोगों में ज्यादा उत्साह नहीं है, क्योंकि जिंदल ने हाल के दिनों में कुछ ऐसे बयान दिए, जिनमें उन्होंने अपनी भारतीय-अमेरिकी की पहचान से दूरी बनाने का प्रयास किया था।
कभी रिपब्लिकन के उदीयमान सितारे के तौर पर देखे जाने वाले 44-वर्षीय जिंदल की चमक साल 2009 में उस वक्त फीकी पड़ गई थी, जब वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के 'स्टेट ऑफ यूनियन एड्रेस' का माकूल जवाब देने में नाकाम रहे थे। लेकिन बीते दो वर्षों में उन्होंने लोगों के बीच अपनी उपस्थिति को लेकर खासा ध्यान दिया है और इस दौरान कुछ प्रभावशाली भाषण भी दिए हैं।
अपने प्रांत लूसियाना में जिंदल काफी लोकप्रिय हैं, और वह यहां करीब सात साल से शासन कर रहे हैं। न्यू ओर्लियांस में उनके संबोधन स्थल के सभी टिकट लिए जा चुके हैं। ओबामा के धुर-आचोलक जिंदल ने इस साल की शुरुआत में भारत से रिश्तों में सुधार की पैरवी की थी। जिंदल के माता-पिता भारत से अमेरिका आए थे। वह शक्तिशाली 'रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएसन' के उपाध्यक्ष भी हैं।
वैसे, रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने के दावेदारों में जिंदल की लोकप्रियता काफी कम है। रिपब्लिकन की ओर से फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर जेब बुश, बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जन बेन कार्सन, टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज, पूर्व सीईओ (एचपी) कार्नी फियोरिना, दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर लिंडसे ग्राहम, आरकांसस के पूर्व गवर्नर माइक हकाबी, न्यूयॉर्क के पूर्व गर्वनर जॉर्ज पटाकी और केंटकी के सीनेटर रैंड पॉल ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने की दावेदारी पेश की है।
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