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कभी कट्टर आलोचक रहे, अब उन्हीं को ट्रंप ने चुन लिया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, जानें कौन हैं जेडी वेंस?

ट्रंप (Donald Trump) ने उस शख्स को अपनी रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है, जो कभी उनका कट्टर आलोचक हुआ करता था. उनके बारे में विस्तार से जानिए.

कभी कट्टर आलोचक रहे, अब उन्हीं को ट्रंप ने चुन लिया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, जानें कौन हैं जेडी वेंस?
ट्रंप ने जेडी वेंस को बनाया रिपब्लिकन उप राष्ट्रपति उम्मीदवार.
नई दिल्ली:

अमेरिका में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव (US President Election) होने को है. डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेट हो गए हैं. अगर डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में आती है तो उप राष्ट्रपति कौन होगा, इससे भी पर्दा उठ गया है. ट्रंप (Donald Trump) ने अपने उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. रॉयटर्स के मुताबिक, ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस (JD Vance) को ट्रंप ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है. जेडी वेंस आधिकारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बन गए हैं. 39 साल के जेडी वेंस साल 2022 में सीनेटर चुने गए थे. खास बात यह है कि वह ट्रंप के कट्टर आलोचक रह चुके हैं. उन्होंने साल 2016 में ट्रंप की खूब आलोचना की थी लेकन इसके उलट अब वह उनके कट्टर समर्थकों में से एक है. 

ट्रंप ने किसे चुना उप राष्ट्रपति उम्मीदवार?

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चार दिन के रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन की शुरुआत में पर्याप्त वोट हासिल कर जेडी वेंस को रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना, ये जानकारी ट्रंप की ट्रुथ सोशल मीडिया वेबसाइट से सामने आई है. बता दें कि जेडी वेंस साल 2016 में ‘हिलबिली एलेजी' के पब्लिश होने के बाद खूब चर्चा में रहे थे. उनको उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने का फायदा ट्रंप को जरूर मिलता दिख रहा है. माना जा रहा है कि 5 नवंबर को अमेरिका में होने वाले चुनाव के दौरान ज्यादा से ज्यादा ट्रंप समर्थकों के शामिल होने की संभावना है, क्यों कि जेडी वेंस काफी लोकप्रिय हैं. 

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माना जा रहा है कि एक कट्टर रूढ़िवादी के रूप में जेडी वेंस नए वोटर्स को ट्रंप से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाने की संभावना ज्यादा नजर नहीं आती है. कहा ये भी जा रहा है कि उनके आने से कुछ नरमपंथी भी रिपब्लिकन से अलग हो सकते हैं.  वेंस के नाम का ऐलान 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली में ट्रंप पर हमले के बाद किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने वेंस के नाम का ऐलान अपने साथी के रूप में करने से पहले नॉर्थ डकोटा के गवर्नर और फ्लोरिडा के सीनेटर से उनके इस पद पर न होने की बात कही थी. 

जेडी वेंस ट्रंप के लिए कितने फायदेमंद?

बता दें कि पूर्व वरिष्ठ सलाहकार स्टीव बैनन और ट्रंप के सबसे बड़े बेटे, डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर समेत ट्रंप के कई हाई-प्रोफ़ाइल समर्थकों ने रिपब्लिकन पार्टी को ज्यादा व्यावहारिक विदेश नीति दृष्टिकोण अपनाने और व्यापार बाधाओं का समर्थन करने के लिए प्रेरित करने के लिए वेंस की तारीफ की है. अपनी टकरावपूर्ण सोशल मीडिया अपीरिएंस से वेंस ने ट्रंप समर्थकों को भी खुश कर दिया है. 

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39 साल के जेडी वेंस अमेरिकी चुनाव में युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करेंगे. वेंस के नाम के ऐलान से पहले उप राष्ट्रपति पद के दावेदारों में अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो और टिम स्कॉट और नॉर्थ डकोटा के गवर्नर डौग बर्गम समेत अन्य लोगों का नाम सामने आ रहा था, जिन पर अब विराम लग गया है. वेंस का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता. बाद में उन्होंने मरीन कॉर्प्स में सेवा दी और फिर येल लॉ स्कूल में स्कॉलरशिप हासिल की.  

कब चर्चा में आए जेडी वेंस?

वह 2016 में "हिलबिली एलीगी" लिखकर खूब चर्चा में रहे. इस किताब में उन्होंने अपने गृहनगर के सामने आने वाली सामाजिक, आर्थिक समस्याओं और गरीबी का जिक्र किया. अपनी किताब में वेंस ने ग्रामीण अमेरिका में आत्म-विनाशकारी संस्कृति की भी आलोचना की और गरीब श्वेत अमेरिकियों के बीच ट्रंप की लोकप्रियता का भी मुद्दा उठाया था. वह ट्रंप को "बेवकूफ" और "अमेरिका का हिटलर" तक कह चुके हैं. अब वह ट्रंप की पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने गए हैं. 

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