न्यूयॉर्क में गिरफ्तार अपनी राजनयिक के साथ दुर्व्यवहार के मामले पर भारत के अमेरिका से 'बिना शर्त' माफी की अपनी मांग से पीछे न हटने और अमेरिका के अपनी बात पर अडिग रहने के कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिरोध बना रहा।
अमेरिका ने बुधवार को कहा कि उसने भारतीय राजनयिक के साथ उचित कार्रवाई की और भारत में नियुक्त अपने राजनयिकों की सुरक्षा बहाल करने की मांग भी की। इस बीच बुधवार को भारत के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, में इस घटना की कड़ी निंदा की गई, तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटना को 'निंदनीय' बताया।
खोबरागड़े की गिरफ्तारी और शर्मनाक तरीके से ली गई उनकी तलाशी के बाद भारत ने देश में नियुक्त अमेरिकी रजनयिकों को प्रदान किए गए कुछ विशेषाधिकार वापस ले लिए। खोबरागड़े को बुधवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के भारतीय मिशन में स्थानांतरित किए जाने के बाद भी भारत ने खोबरागड़े की बिना शर्त रिहाई और सभी मामले वापस लेने की मांग जारी रखी।
खोबरागड़े अब कूटनीतिक संबधों पर वियना संकल्प-1961 के तहत सभी राजनयिक विशेषाधिकारों एवं छूटों की हकदार हो गई हैं, जबकि वाणिज्यदूत के रूप में उन्हें ये अधिकार नहीं थे। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से बैरिकेड हटाए जाने की अपनी कार्रवाई के बाद भारत ने अमेरिकी राजनयिकों की सुरक्षा प्रभावित होने से इनकार किया।
दूसरी ओर, भारत के साथ अपने 'वृहद एवं सघन मित्रता' को 'महत्वपूर्ण संबंध' की संज्ञा देने के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों ने किसी तरह का खेद व्यक्त नहीं किया। इसके अलावा अमेरिका ने भारत द्वारा बिना शर्त माफी मांगने की मांग को भी खारिज कर दिया। भारत द्वारा की गई कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मारी हार्फ ने कहा, छोटी-मोटी घटनाओं का द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं होना चाहिए।
खोबरागड़े के खिलाफ पिछले सप्ताह वीजा धोखाधड़ी और झूठा बयान देने का मामला दर्ज किया गया था। उनकी गिरफ्तारी और उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार की भारत में तीखी आलोचना हुई है। इससे दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। हार्फ ने आगे कहा, हम समझ सकते हैं कि यह घटना भारतियों के लिए संवेदनशील है। तदनुसार, हम इस गिरफ्तारी से जुड़ी प्रक्रियाओं का जायजा ले रहे हैं, जिससे कि उचित प्रक्रिया के पालन को सुनिश्चित किया जा सके तथा शिष्टाचार के सभी अवसरों का बढ़ाया जा सके।
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में भारतीय राजनयिक की शर्मनाक तरीके से ली गई तलाशी की खबर के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी मार्शल सर्विस (यूएसएमएस) ने कहा कि उन्हें यूएसएमएस के निर्दिष्ट मानकों और प्रोटोकॉल के तहत हिरासत में लिया गया था। यूएसएमएस ने इस बात की भी पुष्टि की है कि राजनयिक की उसी तरह से तलाशी ली गई थी, जिस तरह कि अन्य गिरफ्तार लोगों की ली जाती है।
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