नई दिल्ली:
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पहली भारत यात्रा से पहले सरकार ने शुक्रवार को पड़ोसी देश पर मुम्बई हमले की साजिश में हाफिज सईद की भूमिका की न्यायिक जांच कराने का दबाव बनाया।
सरकार ने कहा कि पर्याप्त सबूत मुहैया कराने के बावजूद पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना पर कार्रवाई न करने का रास्ता अपनाया है।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम काफी समय से कहते आ रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री ने पाकिस्तान को जो दस्तावेज मुहैया कराए हैं, उनमें आतंकवादी हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में हाफिज सईद की संलिप्तता का सारा विवरण मौजूद है।"
लेकिन कृष्णा ने कहा कि जबतक पूरे मामले की न्यायिक जांच नहीं होती और जवाबदेही तय नहीं हो जाती, तब तक इस तरह इंकार करके वे दोषमुक्त नहीं हो सकते। लेकिन दुर्भाग्यवश पाकिस्तान सरकार ने इसकी उचित जांच कराने पर ध्यान नहीं दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या जरदारी की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा होगी, कृष्णा ने कहा, "मैं नहीं जानता कि जरदारी की यात्रा के दौरान इस पर चर्चा हो पाएगी या नहीं, लेकिन चर्चा होने की सम्भावना है।"
कृष्णा की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने एक दिन पहले ही नेशनल एसेम्बली में कहा था कि उनकी सरकार ठोस सबूत के बगैर सईद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। गिलानी ने कहा था कि सईद का मुद्दा एक आंतरिक मुद्दा है और यदि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत है तो उसे पाकिस्तान को मुहैया कराया जाना चाहिए।
26 नवम्बर, 2008 के मुम्बई हमले में सईद की भूमिका का मुद्दा, सोमवार को अमेरिका द्वारा एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित करने के बाद गरमाया है। अमेरिका ने ऐसी सूचना देने के लिए इस इनाम की घोषणा की है, जो सईद की गिरफ्तारी सुनिश्चित करा सके और उसे दोषी साबित कर सके।
पिछले सात वर्ष में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। जरदारी 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार सुबह नई दिल्ली पहुंचेंगे। आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, जरदारी के साथ आने वाले एकमात्र मंत्री होंगे।
जरदारी रविवार को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रस्थान करने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास पर उनसे बातचीत करेंगे और दोपहर भोज में हिस्सा लेंगे।
कृष्णा ने कहा, "दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। मुझे नहीं पता कि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए उनके पास पर्याप्त समय होगा या नहीं, लेकिन यह तय है कि प्रधानमंत्री उनके लिए दोपहर भोज आयोजित कर रहे हैं और ऐसे में कुछ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिल सकता है।"
कृष्णा ने कहा, "आखिरकार यह राष्ट्रपति जरदारी की निजी यात्रा है। मुझे नहीं पता कि उनके पास विस्तृत बातचीत के लिए समय है या नहीं।"
कृष्णा ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय सम्बंध मजबूत हो रहे हैं और बातचीत से ही मुद्दे सुलझेंगे।
कृष्णा ने कहा, "पिछले तीन वर्ष में, खासतौर से पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार की भारत यात्रा के दौरान उन्होंने मुझसे और मीडिया से कहा था कि पाकिस्तान की सोच बदली है और यहां वह उसी सोच के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए आई हैं।"
सरकार ने कहा कि पर्याप्त सबूत मुहैया कराने के बावजूद पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना पर कार्रवाई न करने का रास्ता अपनाया है।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम काफी समय से कहते आ रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री ने पाकिस्तान को जो दस्तावेज मुहैया कराए हैं, उनमें आतंकवादी हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में हाफिज सईद की संलिप्तता का सारा विवरण मौजूद है।"
लेकिन कृष्णा ने कहा कि जबतक पूरे मामले की न्यायिक जांच नहीं होती और जवाबदेही तय नहीं हो जाती, तब तक इस तरह इंकार करके वे दोषमुक्त नहीं हो सकते। लेकिन दुर्भाग्यवश पाकिस्तान सरकार ने इसकी उचित जांच कराने पर ध्यान नहीं दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या जरदारी की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा होगी, कृष्णा ने कहा, "मैं नहीं जानता कि जरदारी की यात्रा के दौरान इस पर चर्चा हो पाएगी या नहीं, लेकिन चर्चा होने की सम्भावना है।"
कृष्णा की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने एक दिन पहले ही नेशनल एसेम्बली में कहा था कि उनकी सरकार ठोस सबूत के बगैर सईद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। गिलानी ने कहा था कि सईद का मुद्दा एक आंतरिक मुद्दा है और यदि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत है तो उसे पाकिस्तान को मुहैया कराया जाना चाहिए।
26 नवम्बर, 2008 के मुम्बई हमले में सईद की भूमिका का मुद्दा, सोमवार को अमेरिका द्वारा एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित करने के बाद गरमाया है। अमेरिका ने ऐसी सूचना देने के लिए इस इनाम की घोषणा की है, जो सईद की गिरफ्तारी सुनिश्चित करा सके और उसे दोषी साबित कर सके।
पिछले सात वर्ष में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। जरदारी 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार सुबह नई दिल्ली पहुंचेंगे। आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, जरदारी के साथ आने वाले एकमात्र मंत्री होंगे।
जरदारी रविवार को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रस्थान करने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास पर उनसे बातचीत करेंगे और दोपहर भोज में हिस्सा लेंगे।
कृष्णा ने कहा, "दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। मुझे नहीं पता कि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए उनके पास पर्याप्त समय होगा या नहीं, लेकिन यह तय है कि प्रधानमंत्री उनके लिए दोपहर भोज आयोजित कर रहे हैं और ऐसे में कुछ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिल सकता है।"
कृष्णा ने कहा, "आखिरकार यह राष्ट्रपति जरदारी की निजी यात्रा है। मुझे नहीं पता कि उनके पास विस्तृत बातचीत के लिए समय है या नहीं।"
कृष्णा ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय सम्बंध मजबूत हो रहे हैं और बातचीत से ही मुद्दे सुलझेंगे।
कृष्णा ने कहा, "पिछले तीन वर्ष में, खासतौर से पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार की भारत यात्रा के दौरान उन्होंने मुझसे और मीडिया से कहा था कि पाकिस्तान की सोच बदली है और यहां वह उसी सोच के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए आई हैं।"
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