
भारत कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले का हिसाब लेकर रहेगा. भारत और देश के लीडर की तरफ से यह बात हर भाषा में साफ कर दी गई है. ऐसे में भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान सहमा हुआ है. वह कभी पहलगाम आतंकी हमले की तीसरे पक्ष से निष्पक्ष जांच करवाने की बात कर रहा है तो कभी बीच का रास्ता निकालने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे को उठा रहा है. ऐसे में भारत की तरफ से आए तीन बयानों ने पाकिस्तान को डरने का और मौका दे दिया है. सबसे लेटेस्ट बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है जिन्होंने जनता से कहा है कि जैसा आप चाहते हैं वैसा होकर रहेगा.
3 बड़े बयान, टेंशन में पाकिस्तान
भारत का एक्शन क्या होगा- इस साफ किया है भारत सरकार की तरफ से तीन सबसे बड़े लीडर के तीन स्पष्ट संदेश:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा देने का संकल्प जताते हुए 24 अक्टूबर को मधुबनी में कहा था कि अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. “मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी..सजा मिलकर रहेगी.. अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है.''
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मई को आतंकियों को कड़ा संदेश देते हुए साफ कहा कि यह मोदी की सरकार है, आतंकियों को चुन-चुन कर खत्म किया जाएगा. “ अगर कोई सोचता है कि कायरतापूर्ण हमला करके उसने अपनी बड़ी जीत हासिल कर ली है, तो समझ लीजिए कि यह नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. इस देश के हर इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प है और यह पूरा होगा.”
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 4 मार्च को देश के दुश्मनों को चेतावनी देते हुए कहा कि देश की तरफ आंख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. रक्षा मंत्री ने कहा, "मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जैसा आप चाहते हैं, वैसा होकर रहेगा." रक्षा मंत्री के मुताबिक, देश के लोग जो चाहते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुश्मनों को उसी भाषा में जवाब देंगे.
UN से लेकर रूस तक गुहार लगा रहा पाकिस्तान
डरे सहमे पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से एक इमरजेंसी बैठक की मांग की है. सोमवार, 5 मार्च को होने जा रही यह बैठक बंद कमरे में होगी. पाकिस्तान ने कहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ने पर उसे उचित समय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार है. पाकिस्तान वर्तमान मेंलसुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और जुलाई में यह 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था की अध्यक्षता करेगा. उसे भारत की ओर से किसी बड़ी कार्रवाई का डर सता रहा है. इसी आशंका के मद्देनजर पाकिस्तान ने अस्थायी रूप से कराची और लाहौर हवाई क्षेत्र को एक महीने के लिए बंद कर दिया है.
यही नहीं मॉस्को में पाकिस्तान के दूत ने भारत के साथ तनाव कम करने के लिए रूस से सहायता मांगी है. TASS न्यूज एजेंसी द्वारा प्रकाशित एक इंटरव्यू में, राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि रूस की भारत के साथ एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है और पाकिस्तान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और वह मध्यस्थता कर सकता है, जैसा कि उसने 1966 में ताशकंद में किया था, जब पूर्व सोवियत प्रधान मंत्री ने सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने में मदद की थी.
चीन, रूस से मदद की गुहार के बाद पाकिस्तान गल्फ देशों की शरण में भी पहुंचा है. शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से आग्रह किया कि वे भारत पर दक्षिण एशिया में तनाव कम करने के लिए दबाव डाले.
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