विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में सरताज अजीज से हाथ मिलाती हुईं (पीटीआई फोटो)
इस्लामाबाद:
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में पिछले कई सालों से बंधी गांठें खुलने की उम्मीद के बीच दोनों देशों के विदेश सचिव अगले महीने दिल्ली में मुलाकात करेंगे और समग्र द्विपक्षीय वार्ता के तौर-तरीके तय करेंगे। दोनों देशों ने हाल ही में एक बार फिर मिल-बैठकर अपने मसले सुलझाने पर सहमति जताई है।
विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने संसद में कहा कि सचिव समग्र वार्ता के तौर तरीके और कार्यक्रम तय करेंगे। सूत्रों के अनुसार यह बैठक दिल्ली में होगी। अजीज ने संसद को हाल ही में आयोजित 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन के बारे में और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया, जिसमें यह फैसला किया गया कि दोनों देशों को समग्र द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए।
अजीज ने कहा कि कश्मीर सहित सभी मुद्दे, भारत के साथ ताजा बातचीत के लिए स्वीकार्य फार्मूले के तहत शांति वार्ता का हिस्सा होंगे। अजीज ने कहा, यह तय किया गया कि दोनों विदेश सचिव अगले माह मिलेंगे और समग्र द्विपक्षीय वार्ता का ब्यौरा और विभिन्न कार्य दलों के आदान-प्रदान का स्तर निर्धारित करेंगे। सांसदों की मांग थी कि सरकार उन्हें बताए कि भारत के साथ किन शर्तों के तहत बातचीत होगी।
इसके एक दिन बाद अजीज ने संसद को बताया, इस वार्ता में व्यापक वार्ता के सभी विषयों को शामिल किया जाएगा, कुछ अतिरिक्त मुद्दे होंगे। अजीज ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि दोनो देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस समग्र द्विपक्षीय वार्ता के हिस्से के तौर पर आतंकवाद पर बातचीत करेंगे।
विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने संसद में कहा कि सचिव समग्र वार्ता के तौर तरीके और कार्यक्रम तय करेंगे। सूत्रों के अनुसार यह बैठक दिल्ली में होगी। अजीज ने संसद को हाल ही में आयोजित 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन के बारे में और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया, जिसमें यह फैसला किया गया कि दोनों देशों को समग्र द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए।
अजीज ने कहा कि कश्मीर सहित सभी मुद्दे, भारत के साथ ताजा बातचीत के लिए स्वीकार्य फार्मूले के तहत शांति वार्ता का हिस्सा होंगे। अजीज ने कहा, यह तय किया गया कि दोनों विदेश सचिव अगले माह मिलेंगे और समग्र द्विपक्षीय वार्ता का ब्यौरा और विभिन्न कार्य दलों के आदान-प्रदान का स्तर निर्धारित करेंगे। सांसदों की मांग थी कि सरकार उन्हें बताए कि भारत के साथ किन शर्तों के तहत बातचीत होगी।
इसके एक दिन बाद अजीज ने संसद को बताया, इस वार्ता में व्यापक वार्ता के सभी विषयों को शामिल किया जाएगा, कुछ अतिरिक्त मुद्दे होंगे। अजीज ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि दोनो देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस समग्र द्विपक्षीय वार्ता के हिस्से के तौर पर आतंकवाद पर बातचीत करेंगे।
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