वाशिंगटन:
भारत ने एच1-बी और एल1 वीजा को लेकर अमेरिका की नई रोक पर आपत्ति जताते हुए उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के बीच साझेदारी को देखते हुए इसे आगे जारी नहीं रखा जाएगा।
अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का हवाला दिया, जिसमें क्लिंटन ने कहा था कि दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी में काफी अधिक सम्भावनाएं हैं।
राव ने उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में दोनों देशा की साझेदारी का उल्लेख किया और भारतीय कारोबारियों की यह चिंता जताई कि उन्हें लगातार कड़े हो रहे वीजा नियमों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां 13 जून को भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता से पहले राव ने वाशिंगटन के थिंकटैंक एटलांटिक काउंसिल से कहा, "पिछले पांच सालों में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग ने अमेरिका के टेक्सास में 15 अरब डॉलर का योगदान किया।"
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से एच1-बी और एल1 वीजा पर लगी नई रोक का प्रभाव उन्हीं पर पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि इसे आगे जारी नहीं रखा जाएगा। हमारी साझेदारी का गणित कुछ और इशारा करता है।"
राव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि जैसे जैसे हमारा निवेश बढ़ता जाएगा, भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए अमेरिका में पांव फैलाना आसान होता जाएगा।"
अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का हवाला दिया, जिसमें क्लिंटन ने कहा था कि दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी में काफी अधिक सम्भावनाएं हैं।
राव ने उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में दोनों देशा की साझेदारी का उल्लेख किया और भारतीय कारोबारियों की यह चिंता जताई कि उन्हें लगातार कड़े हो रहे वीजा नियमों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां 13 जून को भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता से पहले राव ने वाशिंगटन के थिंकटैंक एटलांटिक काउंसिल से कहा, "पिछले पांच सालों में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग ने अमेरिका के टेक्सास में 15 अरब डॉलर का योगदान किया।"
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से एच1-बी और एल1 वीजा पर लगी नई रोक का प्रभाव उन्हीं पर पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि इसे आगे जारी नहीं रखा जाएगा। हमारी साझेदारी का गणित कुछ और इशारा करता है।"
राव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि जैसे जैसे हमारा निवेश बढ़ता जाएगा, भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए अमेरिका में पांव फैलाना आसान होता जाएगा।"