
मधेसी आंदोलन (फाइल फोटो)
काठमांडू:
मधेसियों के साथ गतिरोध तोड़ने की भारत की कोशिशों के बारे में उसके बयान का नेपाल ने स्वागत किया है। नेपाल ने इसे 'सकारात्मक' बताते हुए नेपाल ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि ऐसा रुख हालात को सामान्य करने में मदद करेगा और भारत-नेपाल सीमा के आरपार आपूर्ति प्रणाली को बहाल करेगा।
नेपाली विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जो बयान जारी किया वह सकारात्मक और उत्साहजनक है।' बयान में कहा गया है कि सरकार का मानना है कि मित्र पड़ोसी देश से ये सकारात्मक व्यवहार मौजूदा हालात को सामान्य करने में और सीमा के आर-पार आपूर्ति प्रणाली को बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
नेपाल ने मंगलवार को ही भारत को सूचना दी थी कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को मानने के लिए कुछ अहम फैसले किए गए हैं। एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक पड़ोसी और शुभचिंतक होने के नाते नेपाल में संविधान को लेकर अंदरूनी मतभेदों पर अशांति को लेकर भारत बहुत चिंतित है।
हालांकि, बुधवार को मधेस आधारित पार्टियों ने नेपाल सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
नेपाली विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जो बयान जारी किया वह सकारात्मक और उत्साहजनक है।' बयान में कहा गया है कि सरकार का मानना है कि मित्र पड़ोसी देश से ये सकारात्मक व्यवहार मौजूदा हालात को सामान्य करने में और सीमा के आर-पार आपूर्ति प्रणाली को बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
नेपाल ने मंगलवार को ही भारत को सूचना दी थी कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को मानने के लिए कुछ अहम फैसले किए गए हैं। एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक पड़ोसी और शुभचिंतक होने के नाते नेपाल में संविधान को लेकर अंदरूनी मतभेदों पर अशांति को लेकर भारत बहुत चिंतित है।
हालांकि, बुधवार को मधेस आधारित पार्टियों ने नेपाल सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।