नई दिल्ली:
भारत ने गुरुवार को चीन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने की उसकी योजना से नदी के निचले हिस्से वाले देशों के हितों को आंच नहीं आए।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा जलविद्युत के लिए तीन बांध बनाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नदी पर होने वाले विकास कार्यों पर भारत पूरी सतर्कता से निगाह रखे हुए है और अपने विचारों और अपनी चिंताओं से चीन को अवगत करा दिया है।
प्रवक्ता ने कहा, "नदी के निचले इलाके के देश के रूप में नदी जल उपयोग के स्थापित महत्वपूर्ण अधिकार के तहत भारत अपने विचारों और चिंताओं से चीन के जनवादी गणराज्य के सर्वोच्च स्तर सहित चीनी अधिकारियों को अवगत करा चुका है।"
प्रवक्ता ने आगे कहा, "भारत ने चीन से यह सुनिश्चत करने के लिए कहा है कि ऊपरी हिस्से की किसी गतिविधि के कारण नदी के निचले हिस्से के देशों का हित प्रभावित नहीं होने पाए।"
ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में है और यह नदी भारत से होकर बहती है।
इससे पहले एक कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा था कि सरकार को अभी चीन की बांध बनाने की योजना के बारे में कोई ब्योरा नहीं मिला है और इस पर पूरी तरह से विचार करने के बाद ही कोई राय दी जाएगी।
उन्होंने कहा था, "हम इस पर पूरी तरह विचार करने के बाद ही कोई राय बनाएंगे।"
बुधवार को आई एक मीडिया रपट के मुताबिक चीन की सरकारी परिषद ने 2015 के ऊर्जा कार्यक्रम के तहत बांधों के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा जलविद्युत के लिए तीन बांध बनाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नदी पर होने वाले विकास कार्यों पर भारत पूरी सतर्कता से निगाह रखे हुए है और अपने विचारों और अपनी चिंताओं से चीन को अवगत करा दिया है।
प्रवक्ता ने कहा, "नदी के निचले इलाके के देश के रूप में नदी जल उपयोग के स्थापित महत्वपूर्ण अधिकार के तहत भारत अपने विचारों और चिंताओं से चीन के जनवादी गणराज्य के सर्वोच्च स्तर सहित चीनी अधिकारियों को अवगत करा चुका है।"
प्रवक्ता ने आगे कहा, "भारत ने चीन से यह सुनिश्चत करने के लिए कहा है कि ऊपरी हिस्से की किसी गतिविधि के कारण नदी के निचले हिस्से के देशों का हित प्रभावित नहीं होने पाए।"
ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में है और यह नदी भारत से होकर बहती है।
इससे पहले एक कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा था कि सरकार को अभी चीन की बांध बनाने की योजना के बारे में कोई ब्योरा नहीं मिला है और इस पर पूरी तरह से विचार करने के बाद ही कोई राय दी जाएगी।
उन्होंने कहा था, "हम इस पर पूरी तरह विचार करने के बाद ही कोई राय बनाएंगे।"
बुधवार को आई एक मीडिया रपट के मुताबिक चीन की सरकारी परिषद ने 2015 के ऊर्जा कार्यक्रम के तहत बांधों के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
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