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This Article is From May 07, 2012

भारत-बांग्लादेश यथाशीघ्र प्रत्यर्पण संधि करने पर राजी

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश यथाशीघ्र प्रत्यर्पण संधि करने पर सहमत हुए और दोनों ने आतंकवादियों और उग्रवादी संगठनों को एक दूसरे की जमीन उपयोग नहीं करने देने का निश्चय किया।

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और बांग्लादेश की विदेश मंत्री दीपू मोनी की सह अध्यक्षता में संयुक्त सलाहकार आयोग की पहली बैठक हुई।

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के लिए कानूनी प्रारूप प्रत्यर्पण संधि होने के साथ पूरा हो जाएगा।

बयान के अनुसार दोनों पक्ष यथाशीघ्र यह संधि करने का प्रयास करने पर पर सहमत हुए।

बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने अपना यह संकल्प दोहराया कि वे एक दूसरे के खिलाफ गतिविधियों को अपनी सीमा में नहीं होने दंगे तथा घरेलू या विदेशी आतंकवादियों को प्रशिक्षण, शरण या अन्य कार्यों के लिए अपनी जमीन का उपयोग नहीं करने देंगे। दोनों पक्षों ने चरमपंथ, हिंसा और आतंकवाद को सिरे से खारिज कर दिया।

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भारत, India, Bangladesh, बांग्लादेश, प्रत्यर्पण संधि