जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल के लिए विकासशील देश "हकदार": जलवायु वार्ता में भारत ने कहा

भूपेंद्र यादव ने यह भी सुझाव दिया कि भारत पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय उत्सर्जन कटौती योजनाओं (एनडीसी) में तेजी लाने के लिए सीओपी26 पहल के पक्ष में नहीं था.

जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल के लिए विकासशील देश

ग्लासगो में जलवायु शिखरवार्ता समापन की ओर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ग्लासगो:

COP26 जलवायु वार्ता में भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि विकासशील देश जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने के "हकदार" हैं. उनका यह बयान जलवायु वार्ता में देशों को प्रदूषणकारी ऊर्जा से दूरी बनाने के क्रम में प्रोत्साहित करने के बीच आया है. वार्ता में सभी देशों से जीवाश्म ईंधन छोड़ हरित ऊर्जा अपनाने की दिशा में तेजी से कार्य करने का आह्वान किया गया था.

भूपेंद्र यादव ने प्रतिनिधियों से कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार देशों को वैश्विक कार्बन बजट में उनके उचित हिस्से का अधिकार था और वे जीवाश्म ईंधन के जिम्मेदार उपयोग के हकदार हैं.

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या अस्थिर जीवन शैली और बेकार खपत पैटर्न के कारण बढ़ी है.

भूपेंद्र यादव ने यह भी सुझाव दिया कि भारत पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय उत्सर्जन कटौती योजनाओं (एनडीसी) में तेजी लाने के लिए सीओपी26 पहल के पक्ष में नहीं था.

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उन्होंने कहा, "एनडीसी जमा करने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित चक्र है. इससे विचलित होने की कोई आवश्यकता नहीं है."