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This Article is From Dec 10, 2014

बच्चों के सपनों को कुचलना सबसे बड़ा अपराध : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी

बच्चों के सपनों को कुचलना सबसे बड़ा अपराध : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी
पुरस्कार मिलने के बाद सत्यार्थी और मलाला
ओस्लो:

कैलाश सत्यार्थी ने नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, "बच्चों के सपनों को कुचलना सबसे बड़ा अपराध है, और मैं खामोशी की ध्वनियों और मासूमियत की आवाज़ का ही प्रतिनिधित्व करता हूं..."

उन्होंने कहा, "बच्चों को सही शिक्षा दिया जाना समूची मानवता के लिए ज़रूरी है... सभी बच्चों को आज़ादी दिया जाना भी ज़रूरी है... इसलिए मेरे जीवन का एक ही मकसद है - बचपन बचाओ... "

वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ अपना संबोधन शुरू करने वाले कैलाश सत्यार्थी ने कहा, "मैं अपने माता-पिता, स्वर्ग से भी बढ़कर अपना जन्मभूमि भारत और धरती माता को झुककर प्रणाम करता हूं... आज मैं याद करता हूं, कि कैसे मैंने हर बार खुद को आज़ाद होता हुआ महसूस किया, जब भी मैंने किसी बच्चे को गुलामी से आज़ादी दिलाई..."

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