प्रतीकात्मक फोटो.
वाशिंगटन:
शीर्ष अमेरिकी थिंकटैंक ने कहा कि आतंकी संगठन अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप में अपना प्रभाव दोबारा बनाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में बढ़ रहे साम्प्रदायिक हमले आतंकवादी संगठन की मुहिम को फायदा पहुंच सकते हैं. अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट की शोद्यार्थी कैथरीन जिमरमैन ने आतंकवाद और खुफिया जानकारी पर गृह सुरक्षा उपसमिति के समक्ष कांग्रेस की सुनवाई पर अलकायदा के खतरे को लेकर यह बात कही.
उन्होंने कहा, भारत में बढ़ते साप्रदायिक हमले अलकायदा को फायदा पहुंचा सकते हैं. जिमरमैन ने कहा, आईएस के प्रभाव में आने के बाद अलकायदा ने मगरेब और सालेह में खुद को दोबारा संगठित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि यह पंजाब के रास्ते भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी पैठ दोबारा बनाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन के सरगना अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित नहीं कर रहे. अलकायदा के कट्टर आंतकवादी आजकल सीरिया, यमन,अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इससे भी आगे तक हैं. एक प्रश्न के उत्तर में कैथरीन ने कहा भारतीय उपमहाद्वीप में स्थिति पर करीब से नजर रखना बेहद जरूरी है.
वहीं रैंड फाउंडेशन से सेथ जोन्स ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, मुझे लगता है कि इसमें कोई प्रश्न ही नहीं है. अगर आप अलकायदा से जुडे़ संगठनों के भारत में बढ़ते हमले और बांग्लादेश में आईएस के हमलों को देखें तो यह चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि अलकायदा कोर यकीनन कमजोर हुआ है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, भारत में बढ़ते साप्रदायिक हमले अलकायदा को फायदा पहुंचा सकते हैं. जिमरमैन ने कहा, आईएस के प्रभाव में आने के बाद अलकायदा ने मगरेब और सालेह में खुद को दोबारा संगठित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि यह पंजाब के रास्ते भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी पैठ दोबारा बनाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन के सरगना अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित नहीं कर रहे. अलकायदा के कट्टर आंतकवादी आजकल सीरिया, यमन,अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इससे भी आगे तक हैं. एक प्रश्न के उत्तर में कैथरीन ने कहा भारतीय उपमहाद्वीप में स्थिति पर करीब से नजर रखना बेहद जरूरी है.
वहीं रैंड फाउंडेशन से सेथ जोन्स ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, मुझे लगता है कि इसमें कोई प्रश्न ही नहीं है. अगर आप अलकायदा से जुडे़ संगठनों के भारत में बढ़ते हमले और बांग्लादेश में आईएस के हमलों को देखें तो यह चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि अलकायदा कोर यकीनन कमजोर हुआ है.
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