सांकेतिक तस्वीर
कराची:
पाकिस्तान में शांतिपूर्ण अंतर-धार्मिक विवाह का एक विरला मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू लड़की ने बचपन के अपने एक मुस्लिम दोस्त से शादी की और दोनों के परिवारवालों ने खुशी से इसमें शिरकत की.
गोवर्धन दास खत्री के परिवार ने अपनी बेटी को इजाजत दी कि वह इस्लाम धर्म स्वीकार करके अपने दोस्त बिलाल कईमखानी से शादी कर सकती है. बिलाल के पिता यूसुफ कईमखानी लड़की के परिवार के पुराने दोस्त हैं.
दोनों का परिवार सिंध प्रांत के खिपरो शहर के हाथुंगो कस्बे में आसपास रहता था और फिर दोनों परिवारों में करीबी दोस्ती हो गई. इन दोनों परिवारों के करीबी दोस्त अहमद संजरानी ने बताया, 'जब खत्री को पता चला कि उनकी बेटी उनके मित्र कईमखानी के बेटे बिलाल से शादी करना चाहती है तो उन्होंने कईमखानी परिवार को मीरपुरखास स्थित अपने घर बुलाया और वहीं शादी का फैसला किया गया.'
शादी के बाद रखे गए दावत-ए-वलीमा (प्रीतभोज) में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की. यह शादी इस संदर्भ में चर्चा का विषय बनी कि पाकिस्तान में आमातौर पर हिंदू परिवार शिकायत करते हैं कि उनकी बच्चियों का अपहरण और फिर धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
ऐसे कई मामले सामने आए, जब हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन उनकी रजामंदी के बगैर किए जाने का दावा किया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गोवर्धन दास खत्री के परिवार ने अपनी बेटी को इजाजत दी कि वह इस्लाम धर्म स्वीकार करके अपने दोस्त बिलाल कईमखानी से शादी कर सकती है. बिलाल के पिता यूसुफ कईमखानी लड़की के परिवार के पुराने दोस्त हैं.
दोनों का परिवार सिंध प्रांत के खिपरो शहर के हाथुंगो कस्बे में आसपास रहता था और फिर दोनों परिवारों में करीबी दोस्ती हो गई. इन दोनों परिवारों के करीबी दोस्त अहमद संजरानी ने बताया, 'जब खत्री को पता चला कि उनकी बेटी उनके मित्र कईमखानी के बेटे बिलाल से शादी करना चाहती है तो उन्होंने कईमखानी परिवार को मीरपुरखास स्थित अपने घर बुलाया और वहीं शादी का फैसला किया गया.'
शादी के बाद रखे गए दावत-ए-वलीमा (प्रीतभोज) में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की. यह शादी इस संदर्भ में चर्चा का विषय बनी कि पाकिस्तान में आमातौर पर हिंदू परिवार शिकायत करते हैं कि उनकी बच्चियों का अपहरण और फिर धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
ऐसे कई मामले सामने आए, जब हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन उनकी रजामंदी के बगैर किए जाने का दावा किया गया.
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