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This Article is From Oct 25, 2020

'इस्लामोफोबिया' को बढ़ावा देने के मुद्दे पर इमरान खान और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन आमने सामने

ईश-निंदा अति-रूढ़िवादी पाकिस्तान में एक ज्वलंत मुद्दा है, जहां किसी को भी इस्लाम या इस्लामी छवियों का अपमान करने के लिए मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है.

'इस्लामोफोबिया' को बढ़ावा देने के मुद्दे पर इमरान खान और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन आमने सामने
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistani Prime Minister Imran Khan) ने रविवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (French President Emmanuel Macron) पर "इस्लाम पर हमला" करने का आरोप लगाया. मैक्रॉन  द्वारा इस्लाम को मानने वालों की आलोचना करने और पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले का बचाव करने के पर इमरान का यह बयान सामने आया है.

पिछले सप्ताह पेरिस के पास फ्रीडम ऑफ स्पीच की क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले एक फ्रांसिसी टीचर का गला काट दिया गया था, इसके बाद मैक्रॉन द्वारा पिछले सप्ताह इस्लाम को लेकर दिए गए बयानों के जवाब मे इमरान ने प्रतिक्रिया दी है. 

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मैक्रॉन ने कहा था, 'टीचर का मार दिया गया क्योंकि इस्लामवादी हमारा भविष्य चाहते हैं.' इसके जवाब में ट्वीट की एक श्रृंखला के रूप में इमरान खान ने कहा कि यह टिप्पणी विभाजन बोएगी. "यह एक ऐसा समय है जब राष्ट्रपति मैक्रॉन हीलिंग टच दे सकते थे ताकि चरमपंथियों को आगे जगह ना मिले ना कि और अधिक ध्रुवीकरण करें जो कि अनिवार्य रूप से कट्टरता की ओर जाता है. "

खान ने लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने (मैक्रॉन)  इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का रास्ता चुना है तभी तो आतंकवादियों पर हमला करने की बजाय इस्लाम पर हमला किया. आतंकवादी चाहे  चाहे वह मुसलमान हो, श्वेत वर्चस्ववादी या नाजी विचारक."

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मैक्रॉन ने इस महीने की शुरुआत में पहले ही विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने कहा था "इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो दुनिया भर में संकट में है".

फ्रेंच शिक्षक के खिलाफ अपनी पाठ्य सामग्री में उसी चित्र का प्रयोग करने को लेकर ऑनलाइन हेट कैंपेन चलाया जा रहा था जिसे लेकर साल 2015 में बवाल मचा था. ये वही चित्र था जिसे छापने के बाद एक फ्रेंच व्यंगात्मक मैगजीन चार्ली हेब्दो के ऑफिस में इस्लामी कट्टरपंथी ने गोलियां चलाई थी.

मोहम्मद साहब के कैरिकेचर इस्लाम द्वारा वर्जित हैं. ईश-निंदा अति-रूढ़िवादी पाकिस्तान में एक ज्वलंत मुद्दा है, जहां किसी को भी इस्लाम या इस्लामी छवियों का अपमान करने के लिए मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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