गीता गोपीनाथ फिलहाल हार्वर्ड विश्विद्यालय में प्रोफेसर हैं.
नई दिल्ली :
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भारत में जन्मी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) को चीफ इकॉनमिस्ट (IMF Chief Economist) नियुक्त किया है. आईएमएफ ने एक बयान के अनुसार गोपीनाथ मारीस ओब्स्टफील्ड का स्थान लेंगी. ओब्स्टफील्ड 2018 के अंत में सेवानिवृत्त होंगे. गीता गोपीनाथ फिलहाल हार्वर्ड विश्विद्यालय में प्रोफेसर हैं. आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, 'गोपीनाथ दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक है. उनके पास उम्दा शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी है.'
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गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनॉमिक्स तथा यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से एमए की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रिंसटन विश्विद्यालय से 2001 में प्राप्त की. इसके बाद उसी साल उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर काम शुरू कर दिया. वर्ष 2005 से वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रही हैं.
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क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, 'गीता दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. उनका अकादमिक प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. इसलिए वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर हमारे अनुसंधान विभाग का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल योग्य हैं. मुझे ऐसे व्यक्ति को अर्थशास्त्री बनाने की खुशी है.' गीता गोपीनाथ विनिमय दरों, व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मौद्रिक नीति और उभरते बाजारों के संकट पर 40 अनुसंधान लेख प्रकाशित कर चुकी हैं.
(इनपुट : एजेंसी)
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गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनॉमिक्स तथा यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से एमए की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रिंसटन विश्विद्यालय से 2001 में प्राप्त की. इसके बाद उसी साल उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर काम शुरू कर दिया. वर्ष 2005 से वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रही हैं.
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क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, 'गीता दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. उनका अकादमिक प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. इसलिए वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर हमारे अनुसंधान विभाग का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल योग्य हैं. मुझे ऐसे व्यक्ति को अर्थशास्त्री बनाने की खुशी है.' गीता गोपीनाथ विनिमय दरों, व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मौद्रिक नीति और उभरते बाजारों के संकट पर 40 अनुसंधान लेख प्रकाशित कर चुकी हैं.
(इनपुट : एजेंसी)
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