कुलभूषण यादव.
इस्लामाबाद:
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) बुधवार को कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में सुनाई गई फांसी की सजा मामले की सुनवाई करेगा. संयुक्त राष्ट्र की न्यायिक इकाई ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के लिए पहले ही समय सीमा तय की थी. अदालत ने इस मामले में 13 जून 2017, 13 सितंबर और 13 दिसंबर की तिथि दस्तावेजों को दाखिल करने के लिए तय की थी. इन तिथियों पर भारत अपनी तरफ से दस्तावेज पेश करेगा एवं पाकिस्तान इसके विरोध में दस्तावेज पेश करगा.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है और भारत, पाकिस्तान के इस फैसले का अंतराष्ट्रीय न्यायालय में विरोध कर रहा है. भारत ने जाधव को दूतावास संबंधी सहायता नहीं देने का आरोप लगाते हुए इसे मानवधिकार कानून का उल्लंघन बताया है.
भारत ने अदालत से यह भी अपील किया है कि जबतक द हेग में यह कानूनी लड़ाई समाप्त नहीं होती, अदालत आपात उपायों को अपनाकर जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करवाए. आईसीजे ने 18 मई को भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस्लामाबाद को मामले की सुनवाई पूरी होने तक जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करने का निर्देश दिया था.
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान इलाके से खुफिया छापों के दौरान पकड़ा गया था. पाकिस्तान ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें जाधव को यह कबूल करते दिखाया गया है कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करता था.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है और भारत, पाकिस्तान के इस फैसले का अंतराष्ट्रीय न्यायालय में विरोध कर रहा है. भारत ने जाधव को दूतावास संबंधी सहायता नहीं देने का आरोप लगाते हुए इसे मानवधिकार कानून का उल्लंघन बताया है.
भारत ने अदालत से यह भी अपील किया है कि जबतक द हेग में यह कानूनी लड़ाई समाप्त नहीं होती, अदालत आपात उपायों को अपनाकर जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करवाए. आईसीजे ने 18 मई को भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस्लामाबाद को मामले की सुनवाई पूरी होने तक जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करने का निर्देश दिया था.
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान इलाके से खुफिया छापों के दौरान पकड़ा गया था. पाकिस्तान ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें जाधव को यह कबूल करते दिखाया गया है कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करता था.
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