काहिरा:
मिस्र में अभूतपूर्व जनविरोध का सामना कर रहे राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की सत्ता पर गिरफ्त कमजोर होती दिखी और उन्होंने सत्ता में बने रहने की कवायद के तहत सैन्य कमांडरों से मुलाकात की, जिसके बाद सड़कों पर और बख्तरबंद गाड़ियां उतार दी गईं। इसके साथ ही, 82 वर्षीय मुबारक ने नवनियुक्त उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान की और सैन्य मुख्यालयों का दौरा किया। इस बीच, लूटपाट कर रहे प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गए। देश में पिछले छह दिन से जारी विरोध प्रदर्शनों में अभी तक करीब डेढ़ सौ लोग मारे जा चुके हैं। उधर, प्रचंड होते जनउभार में अनेक सैनिक अपनी वर्दी उतारकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हो गए। सैनिकों का विरोध प्रदर्शनों में सीधे तौर पर शामिल होना मुबारक के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मिस्र ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का लगभग 24 घंटे प्रसारण करने वाले अरब टेलीविजन चैनल अल जजीरा के देश में प्रसारण पर रोक लगा दी। राजधानी काहिरा में अराजकता का माहौल है। मिस्र की कई जेलों से हजारों कैदी भाग निकले। मिस्र के हालात के मद्देनजर विभिन्न देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए उपाय कर रहे है। भारत ने एयर इंडिया का एक विमान भेजा है, जो यहां फंसे भारतीयों को लेकर सोमवार को मुंबई पहुंच जाएगा। कर्फ्यू और उड़ानों के रद्द होने या विलंबित होने के चलते काहिरा हवाई अड्डे पर सैकड़ों की संख्या में भारतीय फंसे हैं। दक्षिण कोरिया ने भी अपने नागरिकों को मिस्र से निकलने को कहा है। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के अनुसार मिस्र में करीब एक हजार दक्षिण कोरियाई नागरिक रह रहे हैं। इराक ने भी ऐलान किया है कि वह अपने नागरिकों को मिस्र से निकालेगा। मिस्र में 15 हजार से 20 हजार के करीब इराकी शरणार्थी रह रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने काहिरा के मॉल तथा बड़े बाजारों में लूटपाट की है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक देश के इस्कंदरिया, अस्वान और अन्य कई स्थानों पर रात में जेल तोड़ने की कई घटनाएं हुई हैं। एक अनुमान के मुताबिक दक्षिणी काहिरा के अल फायोम में जेल तोड़कर पांच हजार कैदी भाग निकले हैं। इस घटना में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है। उधर, लुटेरों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए तथा बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी को धता बताते हुए मॉल में टीवी सेट, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक उपकरण तथा कपड़े लूट लिए। मरने वालों की संख्या पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे 82 वर्षीय मुबारक ने शनिवार को पहली बार पद छोड़ने का संकेत दिया था। उन्होंने 30 साल के निरंकुश शासन के बाद पहली बार अपने खुफिया प्रमुख उमर सुलेमान को उप राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त किया। पूरे शहर में प्रमुख इमारतों तथा पर्यटन स्थलों की सुरक्षा के लिए सैनिकों और हथियारबंद वाहनों को तैनात किया गया है। नगर की स्थिति को देखते हुए काहिरा स्टॉक एक्सचेंज को बंद रखने का फैसला किया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित एवं संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी (आईएईए) के पूर्व प्रमुख मोहम्मद अलबरदई ने मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक से सत्ता से हट जाने की अपील की है। नजरबंद अलबरदई ने अल जजीरा टेलीविजन चैनल से कहा कि यदि मुबारक सत्ता में बने रहे, तो देश ढह जाएगा। उन्होंने मिस्र के 82 वर्षीय राष्ट्रपति से कहा कि सत्ता के हस्तांतरण का ढांचा तय करके ही देश में अशांति को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी मिस्र को पूरी तरह से नई सरकार चाहिए, जबकि मुबारक सत्ता से हटने के लिए पड़ने वाले दबाव के बावजूद कुर्सी से चिपके हैं। इसके कारण देश की हालत लगातार बिगड़ रहे हैं। इस्राइल का कहना है कि वह निरंतर मिस्र के हालात पर नजर रखे हुए है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस वक्त इस्राइल को अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए मिस्र में बढ़ रही अस्थिरिता को रोकना है।
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मिस्र, हुस्नी मुबारक, जनविरोध