इस्लामाबाद:
भारत से गए तीर्थयात्रियों का एक दल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक प्राचीन मंदिर में छह वर्षो बाद महाशिवरात्रि मना रहा है।
भारत से गए 50 हिंदुओं का एक प्रतिनिधिमंडल चकवाल के पास कतसराज में महाशिवरात्रि समारोह मना रहा है। हिंदू धर्म के अनुसार यह स्थान बहुत पवित्र है।
यह प्रतिनिधिमंडल शनिवार को वाघा सीमा के रास्ते लाहौर पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल ने इवैकुई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड पाकिस्तान के अध्यक्ष आसिफ हाशमी से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल 23 फरवरी को भारत वापस लौटेगा।
एक मीडिया रपट में कहा गया है कि इसके पहले 2006 में हिंदू प्रतिनिधिमंडल ने अंतिम बार पाकिस्तान का दौरा किया था, और उसके बाद से हिंदू मंदिरों में भारतीयों का प्रवेश स्थगित था।
वर्ष 2006-07 के दौरान पाकिस्तान ने हिंदू श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए मंदिरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने और उन्हें मूल रूप में बहाल करने का निर्णय लिया था।
मीडिया रपट के अनुसार, हिंदू कल्याण परिषद के अध्यक्ष शिव प्रताप राज ने कहा है, "पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को उनके पवित्र त्योहारों को मनाने की पूरी आजादी दी गई है।"
भारत से गए 50 हिंदुओं का एक प्रतिनिधिमंडल चकवाल के पास कतसराज में महाशिवरात्रि समारोह मना रहा है। हिंदू धर्म के अनुसार यह स्थान बहुत पवित्र है।
यह प्रतिनिधिमंडल शनिवार को वाघा सीमा के रास्ते लाहौर पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल ने इवैकुई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड पाकिस्तान के अध्यक्ष आसिफ हाशमी से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल 23 फरवरी को भारत वापस लौटेगा।
एक मीडिया रपट में कहा गया है कि इसके पहले 2006 में हिंदू प्रतिनिधिमंडल ने अंतिम बार पाकिस्तान का दौरा किया था, और उसके बाद से हिंदू मंदिरों में भारतीयों का प्रवेश स्थगित था।
वर्ष 2006-07 के दौरान पाकिस्तान ने हिंदू श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए मंदिरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने और उन्हें मूल रूप में बहाल करने का निर्णय लिया था।
मीडिया रपट के अनुसार, हिंदू कल्याण परिषद के अध्यक्ष शिव प्रताप राज ने कहा है, "पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को उनके पवित्र त्योहारों को मनाने की पूरी आजादी दी गई है।"
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