पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी
इस्लामाबाद:
एक मंत्री-स्तरीय सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को यहां हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रक्रिया बैठक शुरू हुई। सम्मेलन बुधवार को आयोजित किया जाएगा। समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और अफगान के उप विदेश मंत्री खलील हेकमत करजई ने वरिष्ठ मंत्रियों की दिन भर की बैठक का उद्घाटन किया।
बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अजीज और करजई ने उम्मीद जताई कि बैठक आतंकवाद और चरमपंथ के खतरे के खिलाफ रणनीति बनाने में मदद करेगा। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क की भी पैरवी की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी बुधवार को संयुक्त रूप से पांचवी 'हर्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रक्रिया' बैठक का उद्घाटन करेंगे।
सम्मेलन में विश्वास बहाली के कई उपायों की मदद से क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। प्रक्रिया आतंकवाद, गरीबी और चरमपंथ समेत आम खतरों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच समन्वय बढ़ाएगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत, चीन, तजिकिस्तान और ईरान समेत 10 देशों के विदेश मंत्रियों ने भागीदारी पर सहमति जताई है।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बैठक में सम्मिलित होने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचेंगी। सुषमा हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन से इतर शरीफ और अजीज से भी मुलाकात करेंगी। हार्ट ऑफ एशिया प्रक्रिया 2011 में अफगानिस्तान और तुर्की की पहल पर गठित हुई थी। प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में दीर्घ कालिक शांति और स्थायित्व और साथ ही प्रगति और विकास को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क को बढ़ाना है।
बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अजीज और करजई ने उम्मीद जताई कि बैठक आतंकवाद और चरमपंथ के खतरे के खिलाफ रणनीति बनाने में मदद करेगा। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क की भी पैरवी की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी बुधवार को संयुक्त रूप से पांचवी 'हर्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रक्रिया' बैठक का उद्घाटन करेंगे।
सम्मेलन में विश्वास बहाली के कई उपायों की मदद से क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। प्रक्रिया आतंकवाद, गरीबी और चरमपंथ समेत आम खतरों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच समन्वय बढ़ाएगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत, चीन, तजिकिस्तान और ईरान समेत 10 देशों के विदेश मंत्रियों ने भागीदारी पर सहमति जताई है।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बैठक में सम्मिलित होने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचेंगी। सुषमा हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन से इतर शरीफ और अजीज से भी मुलाकात करेंगी। हार्ट ऑफ एशिया प्रक्रिया 2011 में अफगानिस्तान और तुर्की की पहल पर गठित हुई थी। प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में दीर्घ कालिक शांति और स्थायित्व और साथ ही प्रगति और विकास को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क को बढ़ाना है।
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