वाशिंगटन:
मुंबई पर आतंकवादी हमले के मामले में अपना गुनाह कबूल कर चुके डेविड हेडली ने पहली बार माना है कि उसे अब इस हमले पर कोई फख्र नहीं है। अमेरिका की शिकागो कोर्ट में गवाही के दौरान हेडली ने कहा कि पहले उसे 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले पर फख्र था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हेडली ने माना है कि उसने मुंबई पर हमले की साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर−ए−तैयबा का साथ दिया। हालांकि उसने कोर्ट को ये नहीं बताया कि अचानक उसका दिल कैसे बदल गया। एटॉर्नी पैट्रिक डब्ल्यू बेलगन ने हेडली से पूछा कि क्या उसे अब भी मुंबई हमलों को लेकर खुशी का अहसास है, जिसमें कई अमेरिकी नागरिकों समेत 160 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे, उसने कहा, नहीं। गौरतलब है कि शिकागो की एक अदालत में मुंबई हमलों के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा का मुकदमा चल रहा है। मुकदमे के चौथे दिन हेडली ने अपने बयान में यह बात कही। इन हमलों को अंजाम देने की लश्कर-ए-तैयबा की योजना के दौरान हेडली ने महीनों तक उन स्थानों की टोह ली थी, जिन पर हमला किया जाना था। हेडली ने कहा था कि उसने हमलों के दौरान जो भी किया, उससे उसे गौरव महसूस हुआ था। हेडली ने बताया कि जो लोग इस बात को जानते थे कि वह हमलों की योजना में शामिल है, उन्होंने उसे हमलों के बाद बधाई संदेश भी भेजे थे। ऐसे संदेश भेजने वालों में पाशा, उसकी पत्नी और साजिद मीर भी शामिल था।(इनपुट भाषा से भी)
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