विज्ञापन
This Article is From Dec 18, 2019

ग्रेटा थुनबर्ग को ट्रेन को Overcrowded बताना पड़ा भारी, रेल कंपनी के ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा- ''मेरा मतलब...''

ग्रेटा, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए अपने रोड कैंपेन के पूरा होने के बाद अपने घर स्वीडन जा रही थीं. इस दौरान उन्होंने जर्मनी की एक ट्रेन से यात्रा की थी और इसकी एक तस्वीर को भी उन्होंने अपने ट्विटर पर शेयर किया था. 

ग्रेटा थुनबर्ग को ट्रेन को Overcrowded बताना पड़ा भारी, रेल कंपनी के ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा- ''मेरा मतलब...''
ग्रेटा थुनबर्ग ने इस तस्वीर को अपने ट्विटर पर शेयर किया है.
नई दिल्ली:

पर्यावरणविद् ग्रेटा थुनबर्ग (Climate Activist Greta Thunberg) हाल ही में ट्विटर पर जर्मन रेल की एक कंपनी के साथ बहस में उलझ गईं. दरअसल, ग्रेटा, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए अपने रोड कैंपेन के पूरा होने के बाद अपने घर स्वीडन जा रही थीं. इस दौरान उन्होंने जर्मनी की एक ट्रेन से यात्रा की थी और इसकी एक तस्वीर को भी उन्होंने अपने ट्विटर पर शेयर किया था. 

यह भी पढ़ें: ग्रेटा थुनबर्ग से मिली 8 साल की बच्‍ची, पीएम मोदी से की जलवायु परिवर्तन कानून लागू करने की मांग

तस्वीर में ग्रेटा, नीचे बैठी हुई हैं और खिड़की से बाहर की तरफ देख रही हैं. तस्वीर में उनके साथ उनका सामान भी नजर आ रहा है. बता दें, जर्मनी में इस ट्रेन का संचालन Deutsche Bahn नाम की प्राइवेट कंपनी करती है. अपनी तस्वीर को शेयर करते हुए ग्रेटा ने लिखा, ''मैं जर्मनी की एक भीड़ से भरी ट्रेन में सफर कर रही हूं और आखिरकार अपने घर जा रही हूं''. 

एबीसी न्यूज के मुताबिक इसके बाद Deutsche Bahn ने एक बाद एक ट्वीट करते हुए पहले तो पर्यावरण के क्षेत्र में ग्रेटा के काम को लेकर उनकी सराहना की और इसके बाद कहा कि वह जिस ट्रेन में सफर कर रही हैं वो 100 फीसदी पर्यावरण के अनुकूल बिजली का प्रयोग करती है. इसके आगे कंपनी ने लिखा,  ''हम अधिक ट्रेन, कनेक्शन और सीटें उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं''. कंपनी ने लिखा, ''यह और भी अच्छा होता अगर आपने ध्यान दिया होता कि हमारी टीम ने आप लोगों की सुविधा के लिए कितने अच्छे से काम किया ताकि आपको किसी तरह की परेशानी न हो''. 

इसके बाद ग्रेटा ने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा, ''यह कोई परेशानी की बात नहीं है और मैंने ऐसा नहीं कहा. भीड़ भरी ट्रेन का होना अच्छा है क्योंकि इसका मतलब है कि लोगों की बीच ट्रेन की अधिक मांग है''. 

गौरतलब है कि ग्रेटा ने पिछले साल अगस्त में दुनियाभर में पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी. इसके तहत उन्होंने बोट और ट्रेन के माध्यम से ही यात्रा की थी क्योंकि हवाईजहाज से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वह पहले भी दो बार सेलबोट पर अटलांटिक पार कर चुकी हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com