 
                                            यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                ब्रसेल्स: 
                                        यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने यूरो क्षेत्र के मंत्रियों के समक्ष नया सुधार प्रस्ताव रखा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कर्ज के भुगतान में चूक के बाद यूनान ने यह प्रस्ताव रखा है।
यूरो क्षेत्र के मंत्री वामपंथी प्रधानमंत्री के ताजा प्रस्ताव पर बुधवार को होने वाले कांफ्रेन्स कॉल में विचार करेंगे।
हालांकि संकट में फंसे यूनान को ऋण देने वालों ने ताजा योजना पर ठंडा पानी डाल दिया है।
जर्मनी के वित्तमंत्री वोल्फगांग शाएयुबल ने सभी प्रकार की बातचीत को प्रभावी तरीके से खारिज कर दिया और कहा कि रविवार को प्रोत्साहन पैकज की शर्तों पर जनादेश से पहले कोई समझौता संभव नहीं है।
उन्होंने बर्लिन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सबसे पहले यूनान को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी आखिर वह क्या चाहता है और तब उसके बाद हम बातचीत करेंगे..।’’ यूनान इस समय संकट में फंसा हुआ है जहां बैंक पूरे सप्ताह बंद रहेंगे। हालांकि बुजुर्गों को पेंशन के भुगतान के लिये आज करीब हजारों शाखाएं खुली।
प्रधानमंत्री सिपरस ने यूनान के प्रस्ताव को उन संस्थानों के प्रमुखों को भेजा जिन्होंने 2010 से यूरोपीय देश को मिले 240 अरब यूरो के दो प्रोत्साहन पैकजों का प्रबंध किया था।
सरकार ने कहा है कि किसी भी समझौते में यूनान को द्वीपों पर 30 प्रतिशत वैट छूट को बनाये रखने तथा 2012 पेंशन सुधार को अक्तूबर 2015 तक टाले जाने की अनुमति देनी होगी।
यूनान दो साल के लिए करीब 30 अरब यूरो के प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहा है ताकि उसके यूरो क्षेत्र से अलग होने के खतरे को टाला जा सके।
यूनान ने आईएमएफ को 1.5 अरब यूरो (1.7 अरब डॉलर) के ऋण भुगतान में चूक करने के बाद प्रोत्साहन पैकज की मांग की है।
                                                                        
                                    
                                यूरो क्षेत्र के मंत्री वामपंथी प्रधानमंत्री के ताजा प्रस्ताव पर बुधवार को होने वाले कांफ्रेन्स कॉल में विचार करेंगे।
हालांकि संकट में फंसे यूनान को ऋण देने वालों ने ताजा योजना पर ठंडा पानी डाल दिया है।
जर्मनी के वित्तमंत्री वोल्फगांग शाएयुबल ने सभी प्रकार की बातचीत को प्रभावी तरीके से खारिज कर दिया और कहा कि रविवार को प्रोत्साहन पैकज की शर्तों पर जनादेश से पहले कोई समझौता संभव नहीं है।
उन्होंने बर्लिन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सबसे पहले यूनान को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी आखिर वह क्या चाहता है और तब उसके बाद हम बातचीत करेंगे..।’’ यूनान इस समय संकट में फंसा हुआ है जहां बैंक पूरे सप्ताह बंद रहेंगे। हालांकि बुजुर्गों को पेंशन के भुगतान के लिये आज करीब हजारों शाखाएं खुली।
प्रधानमंत्री सिपरस ने यूनान के प्रस्ताव को उन संस्थानों के प्रमुखों को भेजा जिन्होंने 2010 से यूरोपीय देश को मिले 240 अरब यूरो के दो प्रोत्साहन पैकजों का प्रबंध किया था।
सरकार ने कहा है कि किसी भी समझौते में यूनान को द्वीपों पर 30 प्रतिशत वैट छूट को बनाये रखने तथा 2012 पेंशन सुधार को अक्तूबर 2015 तक टाले जाने की अनुमति देनी होगी।
यूनान दो साल के लिए करीब 30 अरब यूरो के प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहा है ताकि उसके यूरो क्षेत्र से अलग होने के खतरे को टाला जा सके।
यूनान ने आईएमएफ को 1.5 अरब यूरो (1.7 अरब डॉलर) के ऋण भुगतान में चूक करने के बाद प्रोत्साहन पैकज की मांग की है।
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