अमेरिका में पुलिस बर्बरता के चलते 46 साल के अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर 25 मई से ही लगातार प्रदर्शन जारी है. अब फ्लॉयड की आधिकारिक ऑटोप्सी रिपोर्ट यानी शव परीक्षण रिपोर्ट सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में उसकी मौत को हत्या बताया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लॉयड की गले पर दबाव पड़ने की वजह से मौत हुई है. बता दें कि एक पुलिस अधिकारी ने बीते सोमवार को जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार करते हुए उनके गले पर अपना घुटना रख दिया था और सात से ज्यादा मिनट तक फ्लॉयड का गला इसी स्थिति में दबाए रखा था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी.
सोमवार को मिनियापोलिस के हेनेपिन काउंटी मेडिकल एग्जामिनर ने अपनी ऑफिशियल ऑटोप्सी रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है, 'पुलिस अधिकारियों की ओर से गले पर दबाव बनाने से फ्लॉयड को कॉर्डियोपल्मोनरी अरेस्ट हुआ.' इसमें मौत की वजह यानी 'manner of death' को Homicide यानी हत्या बताया गया है. हालांकि, एग्जामिनर के बयान में कहा गया है कि मौत की वजह की आधार पर किसी के (हत्या के) इरादे को नहीं तय किया जाना चाहिए.
इस रिपोर्ट में मौत के ‘दूसरे अहम कारणों' में फ्लॉयड का दिल की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर का मरीज होना और फेंटानिल का नशा और हाल में मेथामफेटामाइन का प्रयोग करना भी बताया गया.
मिनियापोलिस के एक पुलिस अधिकारी पर फ्लॉयड की मौत के मामले में थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगा है और उसके साथ तीन अन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इस घटना का वीडियो सामने आया था, जिसमें एक श्वेत पुलिस अधिकारी, डेरेक शॉविन फ्लॉयड के गले पर अपने घुटने से दबाव बनाता दिख रहा है जबकि वह लगातार कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और आखिरकार उसने हिलना-डुलना बंद कर दिया.
फ्लॉयड परिवार के वकील ने सोमवार को बताया कि उसके परिवार के लिए किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के चलते उसकी मौत हुई. वकील बेन क्रंप ने बताया कि एक दूसरे डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि दबाव के कारण फ्लॉयड के दिमाग तक खून नहीं पहुंच पाया और उसकी पीठ पर अन्य अधिकारियों के घुटने से बनाए गए दबाव ने उसका सांस ले पाना मुश्किल कर दिया था.
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